Gangaur – कलकत्ते हालो, गवरयों री मोज्यो लिलुआ मे…

सामाजिक

Gangaur – लिलुआ, आशापूरण गवरजा माता मंडली के गणगौर उत्सव के दूसरे दिन पुष्करणा ब्रह्म बगीचा मे भक्ति भाव पर आधारित नृत्य नाटिकाओं का मंचन किया गया। जिनमे कृष्ण सुदामा मिलन, नरसिंह अवतार और बृज की होली काफी आकृष्णीय रही।

Gangaur

इस अवसर पर बीकानेर से आए रमक झमक संस्थान के प्रहलाद ओझा भैरू को साफ़ा पहना कर स्वागत किया गया।

भैरू ने कहा कि गणगौर पर्व राजस्थानी संस्कृति का प्रमुख पर्व है, जिसमे आस्था और अपनत्व का संगम है, बरसो से देखता आया हूँ कि महिलाओं द्वारा इस पर्व को धूमधाम से मनाया जाता रहा है।

उन्होंने कहा कि बीकानेर मे कुछ वर्षो से इस पर्व पर कोलकाता की तरह पुरुष अपनी सहभागिता ज्यादा निभा रहे है।

लिलुआ मे महसूस किया कि यहाँ इस पर्व मे महिलाओं की सहभागिता विशेष है। लिलुआ महिला मंडल की सभी सदस्यों का अभिनंदन है। पर्व हमारे जीवन की खुशियों का मूल आधार है।

मंडली के संरक्षक बद्री दास व्यास ने कहा कि इस वर्ष तिथि कम होने के कारण लिलुआ मे तीन दिवसीय महोत्सव का आयोजन हो पाया है।

मंडली के मंत्री अशोक व्यास ने बताया कि माँ गवरजा इशर् जी की शोभायात्रा मंगलवार को निकलेगी जो कि लिलुआ गौ शाला जायेगी जहाँ गणगौर को पानी पिलाने की रस्म की जाएगी।

जुलूस मंत्री राजकुमार गुप्ता ने बताया कि लिलुआ शहर मे गणगौर की शोभायात्रा को लेकर नागरिकों मे उत्साह है।लिलुआ के पाठक बाड़ी, मोहता बाड़ी, हिमालय हाईट, जिंदल हाईट जिंदल टावर, शारदा बाड़ी इलाके के नागरिकों द्वारा गणगौर के स्वागत की तैयारियां होनी चालू हो चुकी है।

Share from here