- लोगों ने अपने छतों, बालकनियों में जलाये दीप, मोमबत्ती, मोबाइल फ़्लैश लाइट व टार्च – सर्व धर्म की एकजुटता का नजीर बना दीप प्रज्ज्वलन का कार्यक्रम
सनलाइट, कोलकाता। कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयास व उठाये गये कदमों के लिए देश की जनता की एकजुटता की अद्भुत मिसाल रविवार रात 09 बजे देखते बनी।
पूरे शहर में हर घर की छत, बालकनी, बरामदे, दरवाजों पर लोग 09 बजे 09 मिनट तक दीप जलाकर कोरोना के अंधियारों को मिटा दिया। और आगे भी प्रधानमंत्री के आह्वान के साथ खड़े रहने का संकल्प दोहराया।
गो कोरोना गो का उद्घोष
लोगों का घर की लाईटें बन्द कर दीप जलाने का जुनून देखते ही बन रहा था। लोग, हाथ में दीप, मोमबत्ती, मोबाइल व टार्च चलाये गो कोरोना गो का उद्घोष कर रहे थे।
क्या कहते है प्रवासी राजस्थानी
बड़ाबाजार के प्रवासी राजस्थानियों ने कहा कि संक्रमण को रोकने के लिए प्रधानमंत्री मोदी जो-जो अपील करेंगे हम उसका पालन करेंगे। मोदी जी देश के प्रधानमंत्री हैं। उनके द्वारा घोषित लाकडाऊन का हम अक्षरत: पालन कर रहे हैं। आज 09 बजते ही हमने सबने मिलकर सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करते हुए दीप, मोमबत्ती व मोबाइल जलाकर कोरोना की काली छाया को मिटाने का संकल्प लिया। और सभी से अपील करते हैं कि इस महामारी के खिलाफ आज सभी को प्रधानमंत्री के साथ खड़ा होना चाहिए जिससे अतिशीघ्र कोरोना से देश को बचाया जा सके। इस मौके पर ज्योतिष प्रभाकर डॉ राकेश व्यास ने विषाणु नाशक मन्त्रों को बजाकर माहौल को आध्यात्मिक रूप दे दिया।

हावड़ा निवासी नारायण दास व्यास का कहना है कि हमारे मोहल्ले ने रात 9 बजते ही भारत माता की जय के उद्घोष से भारत की एकता का परिचय दिया और यह सन्देश भी दिया की कोरोना के खिलाफ लड़ाई में हम सब साथ है। ऐसा अनुभव हुआ कि हम छोटी दिवाली मना रहे हो। धन्यवाद प्रधानमंत्री जी आपके आह्वान पर हम हिंदुस्तानीयों ने एक स्वर में भारत माता की जय जय कार की।

बागबाज़ार निवासी शैलेश बागड़ी ने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में हमने प्रधानमंत्री मोदीजी के आह्वान पर दीपमालाएं बनाई जिसमे सोशल डिस्टेंसिंग का भी ख्याल रखा गया।
बड़ाबाजार के मंदिर में भी दीप प्रज्जवलन

उल्लेखनीय है कि वैश्विक महामारी कोरोना के खिलाफ भारत के प्रयास विश्व भर में चर्चा के विषय बने हुए हैं हर कोई भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कदमों की सराहना कर रहा है कि कमजोर स्वास्थ्य व्यवस्था के बावजूद भारत एक सौ तीस करोड़ की वृहद आबादी के बाद भी संक्रमण की रफ्तार अन्य देशों की अपेक्षा कम है। पॉजिटिव मरीज भी विकसित देशों से बहुत कम है। इसीलिए प्रधानमंत्री के कदमों व प्रयासों के महत्व को अब समझने की कोशिश करते हुए भारत के प्रधानमंत्री की सराहना कर रहे है कि कोरोना के संक्रमण से बचाने के लिए लॉकडाऊन और सोशल डिस्टैंसिंग का भारत का फार्मूला कारगर रहा और सफल भी हो रहा है।
