SIR प्रक्रिया ने पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना के हाबरा में एक वृद्ध माता पिता के चेहरे पर खुशी लौटा दी है।
SIR reunites Habra parents with missing son after 26 years
हाबरा के निवासी प्रशांत दत्ता और उनकी पत्नी संतना दत्ता अपने इकलौते बेटे तरुण दत्ता से 26 वर्ष पहले किसी कारण बिछड़ चुके थे।
पुलिस में शिकायत करने के बाद भी परिवार निराश ही रहा। बेटे की खोज में परिवार लगभग उम्मीद छोड़ चुका था।
इसी बीच हाल में एसआईआर प्रक्रिया शुरू होने पर स्थानीय बीएलओ ने प्रशांत, उनकी पत्नी और तरुण—तीनों के फ़ॉर्म घर जाकर दे दिए।
प्रशांत दत्ता ने SIR फ़ॉर्म भरकर बीएलओ तपन धर को जमा कर दिया। 29 तारीख को जब बीएलओ तपन धर वोटर लिस्ट मैपिंग कर रहे थे, तो उन्होंने पाया कि प्रशांत के बेटे तरुण दत्ता का नाम पहले से ही पश्चिम मेदिनीपुर के एक अन्य बूथ से मैप हो चुका है।
इसके बाद तपन धर ने पश्चिम मेदिनीपुर के उस क्षेत्र के बीएलओ से संपर्क किया। वहाँ के बीएलओ ने बताया कि तरुण खुद आकर फ़ॉर्म जमा कर गया था।
इसके बाद उसी रात दोनों बीएलओ ने तरुण और उसके परिवार से बात कर सत्यापन किया। बातचीत में तपन धर तरुण के हाबरा स्थित पुराने घर के बारे में बात की।
पता चला कि तरुण ने पश्चिम मेदिनीपुर में शादी कर नया जीवन शुरू किया है और उसका एक बेटा भी है जो कॉलेज में है।
तरुण के बेटे ने तपन धर से नंबर लेकर अपने दादा प्रशांत को फोन किया। लंबे समय बाद दोनों परिवारों के बीच बातचीत शुरू हुई और वीडियो कॉल भी हुई।
बूढ़े माता–पिता ने तरुण से बात की। अब उसने अपने माता–पिता के पास लौटने की इच्छा जताई है। उन्होंने कहा कि वे जल्द आएंगे।
इधर वृद्ध प्रशांत–संतना दत्ता ने भावुक होकर कहा कि सब कुछ SIR की वजह से हुआ। नहीं तो शायद हम इस उम्र में अपने बेटे को कभी देख भी नहीं पाते।
