- लेंडिंग के बाद दिया गया ‘वाटर सैल्यूट’ दिया गया
लम्बे इन्तजार के बाद पांच राफेल विमानों ने बुधवार दोपहर अंबाला एयरबेस पहुंच गए। सुरक्षित लैंडिंग होते ही पूरा देश खुशी से झूम उठा। इन फाइटर जेट्स ने सुबह 11 बजे यूएई से उड़ान भरी थी। दोपहर 01.29 बजे भारतीय वायु क्षेत्र में प्रवेश करते ही वायुसेना के दो सुखोई-30 एमकेआई विमानों ने राफेल की इस फ्लीट को अंबाला एयरबेस तक एस्कॉर्ट करने की भूमिका निभाई।
‘वाटर सैल्यूट’ दिया गया
पांचों राफेल ने पहले पूरे एयरबेस की परिक्रमा की और करीब 3 बजकर 9 मिनट पर अंबाला एयरबेस पर सुरक्षित लैंडिंग होने के बाद राफेल विमानों को ‘वाटर सैल्यूट’ दिया गया।
संयुक्त अरब अमीरात के एयर बेस से बुधवार को सुबह 11.40 बजे के करीब राफेल विमानों ने भारत के लिए उड़ान भरी। 01.29 बजे राफेल विमान भारतीय वायुसीमा में दाखिल हुए। गुजरात के जामनगर की तरफ से भारतीय वायु क्षेत्र में प्रवेश करते ही वायुसेना के दो सुखोई-30 एमकेआई विमानों ने राफेल की इस फ्लीट को अंबाला एयरबेस तक एस्कॉर्ट करने की भूमिका निभाई। कंट्रोल रूम ने इन पांचों विमानों का स्वागत किया और बेस्ट ऑफ लक कहा।
कोलकाता कंट्रोल रूम से हुआ स्वागत
जब ये विमान अरब सागर से निकले तो वहां तैनात नौसेना के आईएनएस कोलकाता कंट्रोल रूम से ही उनका स्वागत करते हुए कहा गया- ‘इंडियन नेवल वॉर शिप डेल्टा 63 ऐरो लीडर. मे यू टच द स्काई विद ग्लोरी, हैप्पी हंटिंग. हैप्पी लैंडिंग.’ (भारतीय समुद्र क्षेत्र में आपका स्वागत है, आशा है कि आप आसमान की ऊंचाइयों को छुएं, आपकी लैंडिंग सफल हो.) इसके जवाब में राफेल विमान में मौजूद पायलट की ओर से भी शुक्रिया अदा करके कहा गया-विश यू फेयर विंड्स...हैप्पी हंटिंग...ओवर एंड आउट। साथ ही कहा गया कि भारतीय नौसेना का जहाज सीमा की रक्षा के लिए यहां पर मौजूद है, ये संतुष्टि करने वाला है। मुंबई एयर स्पेस में राफेल विमानों के पहुंचते ही अम्बाला एयरबेस का कंट्रोल रूम सक्रिय हो गया और लैंडिंग कराने की तैयारी शुरू कर दी।
प्लान ‘बी’ के तहत पहले से ही पांचों फाइटर जेट्स की लैंडिंग कराने के लिए राजस्थान के जोधपुर एयरबेस को तैयार रखा गया था
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने आज सुबह ही अंबाला में आमतौर पर एक या दो बार बारिश होने या गरज के साथ बादल छाए रहने की भविष्यवाणी की थी। इस वजह से वायुसेना के अधिकारी अलर्ट थे, ताकि मौसम खराब होने पर राफेल्स का रुख राजस्थान की ओर किया जा सके। वैसे भी प्लान ‘बी’ के तहत पहले से ही पांचों फाइटर जेट्स की लैंडिंग कराने के लिए राजस्थान के जोधपुर एयरबेस को तैयार रखा गया था। मौसम अनुकूल होने पर फ्रांस से 7 हजार किमी. की यात्रा पूरी करके दोपहर 3 बजकर 9 मिनट पर अंबाला एयरबेस पर सुरक्षित लैंडिंग की। भारत पहुंचे पांच राफेल्स में से ट्विन सीटर्स दो विमानों को आरबी-001 और आरबी-004 नाम दिया गया है।
इसी तरह सिंगल सीट वाले तीन विमानों को बीएस-001, बीएस-003 और बीएस-004 नाम दिया गया है। अंबाला एयरबेस पहुंचने पर राफेल विमानों को ‘वाटर सैल्यूट’ दिया गया। राफेल की अगवानी करने के लिए वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया, पूर्व वायुसेना प्रमुख चीफ मार्शल बीएस धनोवा, फ्रांसीसी दूतावास के अधिकारी और वायुसेना के अन्य वरिष्ठ अधिकारी अंबाला एयरबेस पहुंचे। राफेल को उड़ाकर लाने वाली पायलट्स की टीम की अगुवाई ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह ने की। यहां सफल लैंडिंग होने के बाद चालक दल ने एयर चीफ भदौरिया को फ्रांस में मिलीं ट्रेनिंग के बारे में अवगत कराया।