Amit Shah – लोकसभा में देश के गृह मंत्री अमित शाह ने राम मंदिर प्रस्ताव पर अपनी बात कही।
Amit Shah
उन्होंने कहा कि मैं आज अपने मन की बात और देश की जनता की आवाज को इस सदन के सामने रखना चाहता हूं, जो वर्षों से कोर्ट के कागजों में दबी हुई थी।
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद उसे आवाज भी मिली और अभिव्यक्ति भी मिली।
उन्होंने कहा कि 22 जनवरी का दिन दस सहस्त्रों वर्षों के लिए ऐतिहासिक बन गया है। उन्होंने कहा कि 1528 से शुरू हुई संघर्ष और अन्याय की लड़ाई का अंत का दिन 22 जनवरी 2024 है।
ये दिन करोडो भक्तों की आशा आकांशा की सिद्धि का दिन है। ये दिन समग्र भारत की आध्यात्मिक चेतना का दिन बन चुका है। ये दिन मां भारती विश्व गुरु के मार्ग पर ले जाने को प्रशस्त करने वाला दिन है।
उन्होंने कहा कि जो इस देश को जानना चाहते हैं जीना चाहते है वो राम और राम चरित मानस के बगैर जी ही नहीं सकते। राम का चरित्र और राम देश के जनमानस का प्राण है।
जो राम के बिना भारत की कल्पना करते हैं, वो भारत को नहीं जानते। राम प्रतीक हैं कि करोड़ों लोगों के लिए आदर्श जीवन कैसे जीना चाहिए, इसीलिए उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम कहा गया है।
उन्होंने कहा कि राम का राज्य किसी धर्म सम्प्रदाय विशेष के लिए नहीं है बल्कि आदर्श राज्य कैसा होना चाहिए इसका प्रतीक है।
Amit Shah ने कहा कि भारत की संस्कृति और रामायण को अलग करके देखा ही नहीं जा सकता।
उन्होंने कहा कि कई भाषाओं, कई प्रदेशों और कई प्रकार के धर्मों में भी रामायण का जिक्र, रामायण का अनुवाद और रामायण की परंपराओं को आधार बनाने का काम हुआ है।
अमित शाह (Amit Shah) ने कहा कि कुछ लोग बयानबाजी करते हैं अपनी प्रतिक्रिया देते हैं लेकिन फैसला देश की सर्वोच्च अदालत ने दिया है तो क्या आप उससे वास्ता रखते हैं की नहीं।
अगर सुप्रीम कोर्ट की अवहेलना करके किसीने मंदिर बनाया होता तो आप कुछ भी कह सकते थे लेकिन चीफ जस्टिस की नेतृत्व वाली बेंच ने फैसला दिया है।
फैसला पसंद हो तो स्वीकार कर लेना नहीं हो तो कोर्ट को भी बुरा भला कहना ये चल रहा है।
ऐतिहासिक श्री राम मंदिर के निर्माण और श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की चर्चा पर लोकसभा से लाइव…
— Amit Shah (@AmitShah) February 10, 2024
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