Amit shah on 130th constitutional amendment – केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने समाचार एजेंसी एएनआई को दिए खास इंटरव्यू में देश के ताजा राजनीतिक हालत पर अपनी बात रखी है।
Amit shah on 130th constitutional amendment
उन्होंने 130वें संविधान संशोधन विधेयक, जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफे, एसआईआर विवाद और चुनाव आयोग से जुड़े तमाम मसलों पर अपनी बात रखी।
Amit shah on 130th constitutional amendment – अमित शाह ने कहा कि बीते कुछ समय से अनुभव को देखते हुए 130वें संविधान संशोधन की जरूरत पड़ी है।
उन्होंने कहा कि आरोपी पीएम, सीएम और मंत्रियों को पद से हटाने की संबंधी विधेयक में क्या कमी है। उन्होंने खुद आरोप लगने पर गुजरात में गृह मंत्री के पद से इस्तीफा दिया था।
Amit shah on 130th constitutional amendment – अमित शाह ने संविधान (130वां संशोधन) विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को भेजने और विपक्ष द्वारा JPC का बहिष्कार करने की स्थिति पर तीखी प्रतिक्रिया दी है।
उन्होंने कहा कि सरकार विपक्ष को JPC का हिस्सा बनने का पूरा अवसर दे रही है, लेकिन अगर विपक्ष संसद के स्थापित नियमों को स्वीकार नहीं करता और अल्पमत में होने के बावजूद अपनी मर्जी थोपने की कोशिश करता है, तो यह संभव नहीं है।
Amit shah on 130th constitutional amendment – शाह ने जोर देकर कहा कि JPC एक पारदर्शी और लोकतांत्रिक प्रक्रिया है जिसमें सभी पक्षों को अपनी बात रखने का मौका मिलता है।
शाह ने विपक्ष के रवैये पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर वे इस प्रक्रिया का हिस्सा नहीं बनते तो यह उनकी जिम्मेदारी है।
अमित शाह ने देश को 130वें संशोधन के बारे में बताया- उन्होंने कहा कि हमने इसमें प्रावधान किया है कि यदि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या केंद्र व राज्य सरकार का कोई नेता गंभीर आरोपों का सामना करता है और गिरफ्तार होता है और यदि उसे 30 दिनों में जमानत नहीं मिलती है तो उसे अपने पद से इस्तीफा देना होगा।
अगर वह इस्तीफा नहीं देता है तो कानून के तहत उसे हटा दिया जाएगा। शाह ने यह भी बताया कि स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस विधेयक में प्रधानमंत्री के पद को शामिल करने पर जोर दिया था।
Amit shah on 130th constitutional amendment – उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी ने 39वां संशोधन लाकर राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और स्पीकर को अदालती समीक्षा से बचाने की कोशिश की थी
लेकिन नरेंद्र मोदी जी ने अपने खिलाफ एक संवैधानिक संशोधन लाया कि अगर प्रधानमंत्री जेल जाते हैं तो उन्हें इस्तीफा देना होगा।
पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे पर जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा, “धनखड़ जी एक संवैधानिक पद पर आसीन थे और अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने संविधान के अनुरूप अच्छा काम किया।
उन्होंने अपनी व्यक्तिगत स्वास्थ्य समस्या के कारण इस्तीफा दिया है। किसी को भी इसे ज्यादा खींचकर कुछ खोजने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।”
विपक्षी गठबंधन के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी पर उन्होंने कहा, “उन्होंने सलवा जुडूम को खारिज कर दिया और आदिवासियों के आत्मरक्षा के अधिकार को खत्म कर दिया।
इसी वजह से इस देश में नक्सलवाद दो दशकों से ज्यदा समय तक चला। मेरा मानना है कि वामपंथी विचारधारा ही सुदर्शन रेड्डी को चुनने का मानदंड रही होगी।”
