Bharat Bandh – सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुसूचित जाति (SC) व जनजाति (ST) आरक्षण में क्रीमीलेयर पर दिए गए फैसले के खिलाफ आज कई संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया है।
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बंद को बसपा, आरजेडी, कांग्रेस, एलजेपी (रामविलास), भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद, भारत आदिवासी पार्टी मोहन लात रोत का भी समर्थन मिल रहा है।
दरअसल, दलित और आदिवासी संगठनों ने हाशिए पर पड़े समुदायों के लिए मजबूत प्रतिनिधित्व और सुरक्षा की मांग को लेकर ये बंद बुलाया है।
दलित और आदिवासी संगठनों के राष्ट्रीय परिसंघ (NACDAOR) ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए न्याय और समानता सहित मांगों की एक लिस्ट जारी की है।
भारत बंद पर फिलहाल अभी तक किसी भी राज्य सरकार ने आधिकारिक तौर पर कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किया है। हालांकि इसके बावजूद पुलिस प्रशासन को अलर्ट पर रखा गया है। राजस्थान में कुछ जिलों में अवकाश घोषित किया गया है।
Bharat Bandh के दौरान परिवहन सेवाएं भी प्रभावित हो सकती हैं। कुछ जगहों पर निजी दफ्तर भी बंद किए जा सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने 1 अगस्त को फैसला सुनाते हुए कहा था कि राज्य सरकारें अब अनुसूचित जाति, यानी SC के रिजर्वेशन में कोटे में कोटा दे सकेंगी। अदालत ने 20 साल पुराना अपना ही फैसला पलटा था।
तब कोर्ट ने कहा था कि अनुसूचित जातियां खुद में एक समूह हैं, इसमें शामिल जातियों के आधार पर और बंटवारा नहीं किया जा सकता।कोर्ट ने अपने नए फैसले में राज्यों के लिए जरूरी हिदायत भी दी थी। कहा था कि राज्य सरकारें मनमर्जी से फैसला नहीं कर सकतीं।
फैसला सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की संविधान पीठ का था। इसमें कहा गया कि अनुसूचित जाति को उसमें शामिल जातियों के आधार पर बांटना संविधान के अनुच्छेद-341 के खिलाफ नहीं है।