बस किराए से संबंधित एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए बसों के किराये में वृद्धि को लेकर ममता बनर्जी सरकार के रवैये पर कलकत्ता हाई कोर्ट ने नाराजगी जताई है। हाईकोर्ट की दो जजों की खंडपीठ ने पूछा, “क्या राज्य के पास बस किराए में बढ़ोतरी को लेकर पर्याप्त जानकारी नहीं है? जवाब देने में देरी क्यों? ” कोर्ट के आदेश के बावजूद जवाब नहीं देने पर कोर्ट ने बुधवार को राज्य पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।
आरोप है लॉकडाउन खत्म होने के बाद से निजी बस किराया वृद्धि के किसी नियम का पालन नहीं किया जा रहा है। निजी बस संगठन किराया वृद्धि के संबंध में किसी भी नीति का पालन नहीं कर रहे हैं। इस मामले को देखते हुए हाईकोर्ट ने राज्य को तीन मुद्दों पर रिपोर्ट देने को कहा था। इस संबंध में परिवहन विभाग को कोर्ट में हलफनामा दाखिल करने को कहा गया था, जो उन्होंने नहीं दिया।