सनलाइट, कोलकाता। चोरबागान सार्बोजनिन दुर्गोत्सव समिति (chorbagan Durgapuja) ने इस बार अनुभूति की थीम पर पंडाल बनाया है।
chorbagan Durgapuja
chorbagan Durgapuja
कमिटी द्वारा आयोजित 88 वें दुर्गोत्सव की जानकारी देते हुए जयंत बनर्जी ने बताया कि यहां आने वाले लोगों को थीम के आधार पर फिलिंग से रूबरू कराने की कोशिश की गई है।
पंडाल में वें चीजें संजोई गई है जो किसी न किसी प्रकार की अनुभूति कराए। जैसी फूल खिलने का या बरसात की बूंद का अलग एहसास होता है उसी तरह एक मां होने का भी अलग तरह का एहसास होता है।
ये ऐसे एहसास होते हैं जिन्हें शब्दों में नही कहा जा सकता बल्कि केवल महसूस किए जा सकता हैं।
जयंत बनर्जी ने बताया कि इसके लिए हमने जहां बरसात की बूंदों और खिलते हुए फूल प्रदर्शित किए है वहीं मां होने की अनुभूति कराने के लिए पण्डाल में एक हजार लड्डू गोपाल को बैठाया है।
पंडाल में तकनीक के माध्यम से बताया गया है कि जीवन में कई ऐसी उलझन आती है जो स्वयं सुलझ जाती है।
बनर्जी ने कहा कि लोगों के जीवन में साल भर सुख दुख चलता है लेकिन हम चाहते हैं कि इन विशेष दस दिनों में सभी लोग खुशी की अनुभूति के साथ माता का दर्शन करने आये।