Creamy layer – अनुसूचित जातियों (एससी) और अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के आरक्षण को लेकर आए सुप्रीम कोर्ट की सिफारिश के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इसे लागू करने से इनकार कर दिया।
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शुक्रवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में स्पष्ट किया गया कि डॉ. बीआर अंबेडकर द्वारा तैयार संविधान में अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षण प्रणाली में “क्रीमी लेयर” का प्रावधान नहीं है।
ऐसे में बाबा साहेब के संविधान के मुताबिक ही आरक्षण का प्रावधान होना चाहिए। कैबिनेट का मत था कि एनडीए सरकार अंबेडकर के बनाए संबिधान को लेकर प्रतिबद्ध है और एससी एसटी में कोई क्रीमीलेयर का प्रावधान नहीं है।
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एससी-एसटी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से शुरू हुई हालिया बहस के बारे में बात की।
उल्लेखनीय है कि अन्य पिछड़े वर्ग कैटगरी के तहत मिलने वाले आरक्षण के लिए क्रीमी लेयर शब्द का इस्तेमाल किया जाता है।
क्रीमी लेयर के तहत उन लोगों को शामिल किया जाता है, जो आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक रूप से उसी कैटगरी के पिछड़े लोगों के मुकाबले संपन्न हैं।
क्रीमी लेयर के तहत आने वाले वाले लोगों को रोजगार और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण का लाभ नहीं मिलता है।