नोटबंदी के 5 साल: डिजिटल भुगतान में तेजी, लेकिन नगद का चलन भी बढ़ा

देश

8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी का ऐलान किया था। जिसके बाद 500 और 1000 रुपये का नोट प्रचलन से बाहर हो गया था। अब 5 साल बाद धीरे धीरे ही सही पर डिजिटल भुगतान भी पहले की अपेक्षा काफी बढ़ गया है। 

 

हालांकि इन पांच वर्षों में डिजिटल लेनदेन के साथ नोटों की संख्या में भी लगातार वृद्धि हो रही है। कोरोना महामारी को देखते हुए जनता ने नकद कैश रखना जरूरी समझा। इस कारण पिछले वित्त वर्ष में नोटों की संख्या बढ़ गई।

इस वर्ष कोरोना के कारण बढ़ा नगद का चलन

पिछले डेढ़ साल के दौरान कोरोना महामारी ने पूरी अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया। आंकड़ों के अनुसार पिछले वित्त वर्ष में कोविड-19 की वजह एहतियात के तौर पर लोगों ने अपने पास नगदी रखना जरूरी समझा और नगदी का प्रयोग अधिक किया है। हालांकि सच्चाई यह भी है कि इस दौरान नेट बैंकिग, प्लास्टिक कार्ड और UPI के जरिए भी लेन-देन बढ़ा है। इन सब में UPI बहुत तेजी के साथ लोगों के बीच पाॅपुलर हो रहा है। 

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