Election Commission ने चुनावी बॉन्ड से जुड़ी जानकारी की सार्वजनिक, सबसे ज्यादा भाजपा को मिला चंदा, तृणमूल दूसरे नंबर पर, इस कंपनी ने खरीदे सबसे ज़्यादा इलेक्टोरल बॉन्ड

देश

Election Commission ने SBI द्वारा दी गई चुनावी बांड की जानकारी को सार्वजनिक कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद Electoral bonds का डाटा चुनाव आयोग को सौंप दिया था जिसे चुनाव आयोग ने वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है।

Election Commission Electoral bond list

निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आंकड़े के मुताबिक भाजपा को सबसे ज्यादा चंदा मिला है तो वहीं दूसरे नंबर पर तृणमूल है जिसे भाजपा के बाद सबसे ज्यादा चंदा मिला है।

Electoral bonds के माध्यम से राजनीतिक दलों को चंदा देने वालों में ग्रासिम इंडस्ट्रीज, मेघा इंजीनियरिंग, पीरामल एंटरप्राइजेज शामिल हैं। इसमें टोरेंट पावर, भारती एयरटेल, डीएलएफ कमर्शियल डेवलपर्स, वेदांता लिमिटेड शामिल हैं।

इसके अलावा सूची में चुनावी बॉन्ड के खरीदारों में अपोलो टायर्स, लक्ष्मी मित्तल, एडलवाइस, पीवीआर, केवेंटर, सुला वाइन, वेलस्पन, सन फार्मा के नाम शामिल हैं।

इसके साथ ही Election Commission की ओर से साझा की जानकारी में बताया गया है कि इन बॉन्ड्स के जारिए भाजपा, कांग्रेस, अन्नाद्रमुक, बीआरएस, शिवसेना, तेदेपा, वाईएसआर कांग्रेस को धन मिला। सूची में द्रमुक, जद(एस), राकांपा, जद (यू), राजद, आप और सपा के भी नाम हैं।

भाजपा को 12 अप्रैल, 2019 से 24 जनवरी, 2024 तक 6,060 करोड़ रुपये प्राप्त हुए। ये भुनाए गए कुल बॉन्ड का 47.5 फीसदी है। दूसरे नंबर पर ममता बनर्जी की पार्टी ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस (TMC) रही।

टीएमसी ने चुनावी चंदे के तहत 1,609 करोड़ रुपये प्राप्त किए। उसके बाद कांग्रेस का नंबर रहा, जिसे 1,421 करोड़ रुपये मिले।

इस लिस्ट में अगला नंबर भारत राष्ट्र समिति है। उन्हें 1214 करोड़ रुपये चुनावी बॉन्ड के तौर पर मिले। इसके बीजू जनता दल है, जिन्हें 775 करोड़ रुपये मिले। बीजेडी के बाद द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) है, जिसे 639 करोड़ रुपये चुनावी चंदे में मिला।

चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार चुनावी बॉन्ड के बड़े दानकर्ताओं में फ्चूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज का नाम शामिल है। कंपनी ओर से करीब 1368 करोड़ रुपये का योगदान किया गया है। कंपनी गेमिंग व्यवसाय का संचालन करती है।

Share