पंजाब से शुरू हुए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन को अब नौ महीने पूरे हो गए है। यह आंदोलन दसवें महीने में प्रवेश कर जाएगा।
नवंबर 2020 में दिल्ली की सीमाओं पर जब धरना शुरू हुआ तब शायद न तो आंदोलनकारियों को यह अंदाजा था कि यह इतना लंबा चलेगा और न ही सरकार को यह अनुमान था कि दिल्ली की सीमाओं पर इस तरह आंदोलनकारी डटे रहेंगे।
26 जनवरी को दिल्ली में जो हिंसा हुई उसके बाद से तो यहां कभी भीड़ नहीं जुटी। धीरे-धीरे करके आंदोलनकारी कम होते चले गए, लेकिन सवाल ये है कि आने वाले चुनाव में इसका असर दिखेगा।
हालांकि 26 और 27 अगस्त को कुंडली बॉर्डर पर अखिल भारतीय अधिवेशन का आयोजन किया जा रहा है। अधिवेशन में देशभर से विभिन्न संगठनों से जुड़े 1500 से अधिक प्रतिनिधि कुंडली बॉर्डर पहुंचकर भागीदारी करेंगे।
संयुक्त किसान मोर्चा के वरिष्ठ सदस्य बलबीर राजेवाल ने बताया कि अधिवेशन में चर्चा करके किसान आंदोलन को और तेज करने की रणनीति तैयार की जाएगी।
