कोलकाता । कोलकाता के जीडी बिरला स्कूल के शौचालय में शुक्रवार को रक्तरंजित हालत में मिली दसवीं की छात्रा कृतिका पाल की मौत हाथ की नस कटने से नहीं बल्कि दम घुटने के कारण हुई थी, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चिकित्सकों ने यह साफ किया है। पुलिस के मुताबिक कृतिका की मौत प्राथमिक तौर पर आत्महत्या ही मालूम पड़ती है। बावजूद इसके सभी पहलुओं से जांच की जा रही है।
वेब सीरीज देखकर आत्महत्या
मामले की जांच में शामिल अधिकारियों ने बताया कि प्राथमिक जांच में ऐसा लग रहा है जैसे वह वेबसाइट की एक सीरीज देखकर आत्महत्या के लिए प्रेरित हुई थी। शुक्रवार अपराह्न जब वह काफी देर तक शौचालय से नहीं लौटी तो स्कूल स्टाफ और सहपाठियों ने शौचालय का दरवाजा खोला था। तब फर्श पर उसकी रक्तरंजित लाश पड़ी थी। हाथ की नस कटी हुई थी, रक्तरंजित एक कलम, थोड़ी दूरी पर तीन पन्ने की सुसाइड नोट और उसके चेहरे पर लिपटा हुआ प्लास्टिक दिखा था। यह दृश्य इंटरनेट पर चलने वाली एक वेब सीरीज से हूबहू मैच करती है और आत्महत्या का तरीका भी मैच कर रहा है।
इंटरनेट के युग में बच्चों को इससे बचाना काफी मुश्किल है। वह जानती थी कि हाथ की नस काटने से अधिक रक्तपात हो सकता है लेकिन इससे मौत होगी, यह तय नहीं है। इसलिए उसने प्लान-बी तैयार कर रखा था। यानी चेहरे पर प्लास्टिक लपेटकर सांस बंद करने का। वह जानती थी कि अगर हाथ की नस कटने से भी मौत नहीं हुई तब भी चेहरे पर प्लास्टिक लपेटने की वजह से सांस बंद होने पर मौत होना सुनिश्चित है। उसने पूर्व नियोजित तरीके से इस वारदात को अंजाम दिया जिसके कारण उसकी मौत हुई है।
पुलिस उसके मोबाइल की कॉल डिटेल्स भी खंगाल रही है। उसके मां बाप के अलावा सहपाठियों से भी पूछताछ की जा रही है। अपने सुसाइड नोट में कृतिका ने बताया है कि वह पहले भी आत्महत्या की कोशिश कर चुकी है। मेट्रो में भी कई बार खुदकुशी के बारे में सोचती थी।