पश्चिम बंगाल विधानसभा के दो दिवसीय सत्र के दौरान अभिभाषण नहीं होने पर राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ममता सरकार की कार्यशैली को लेकर सवाल उठाये हैं।
शुक्रवार को राज्यपाल ने कई ट्वीट कर सवाल किये। उन्होंने ट्वीट किया कि विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले राज्यपाल के अभिभाषण के संवैधानिक नियमों की अनदेखी क्यों की गई? धनखड़ ने ट्वीट कर ममता बनर्जी के भाषण पर भी सवाल उठाया है।
उन्होंने कहा है कि संविधान की लिपि अनिवार्य और अपरिहार्य है। अनुच्छेद 176 के अनुसार ‘प्रत्येक वर्ष के पहले सत्र की शुरुआत में राज्यपाल विधानसभा को संबोधित करेंगे, लेकिन पश्चिम बंगाल विधानसभा में ही एकमात्र ऐसा क्यों नहीं हुआ?
