20,000 करोड़ रुपए का FPO वापस लेने की घोषणा के बाद अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने गुरुवार को पहली बार बयान दिया। उन्होंने कहा कि बाजार के मौजूदा हालात को देखते हुए 20,000 करोड़ रुपए के एफपीओ के साथ आगे बढ़ना नैतिक रूप से सही नहीं होता। अडानी ने कहा कि उनके लिए निवेशकों का हित सबसे बड़ा है और बाकी चीजें इसके बाद आती हैं। अडानी ग्रुप के चेयरमैन ने कहा कि अपने 40 वर्षों के कारोबारी जीवन में उन्हें अपने सभी हितधारकों खासकर निवेशकों से उन्हें अगाध समर्थन मिला है। उन्होंने कहा, ‘पूरी तरह से सब्सक्राइब किए गए FPO के बाद इसे वापस लेने के फैसले ने कई लोगों को चौंका दिया होगा। लेकिन बाजार में आज के उतार-चढ़ाव को देखते हुए, बोर्ड ने दृढ़ता से महसूस किया कि FPO के साथ आगे बढ़ना नैतिक रूप से सही नहीं होगा। यह स्वीकार करना मेरे लिए जरूरी है कि जीवन में मैंने जो भी थोड़ा बहुत हासिल किया है वह लोगों के भरोसे के चलते ही है। मेरी सभी सफलता इन लोगों की ऋणी है।’
