राजीव कुमार को 22 जुलाई तक गिरफ्तार नहीं कर सकेगी सीबीआई

कोलकाता

कोलकाता। राजीव कुमार की गिरफ्तारी पर लगी रोक भले ही सुप्रीम कोर्ट ने हटा दी है लेकिन अब कलकत्ता उच्च न्यायालय ने उनकी गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक जारी रखी है। उनकी गिरफ्तारी पर पहले ही हाईकोर्ट ने एक महीने की रोक लगा रखी थी। मंगलवार को इस पर दूसरी बार सुनवाई करते हुए कोर्ट ने एक बार फिर इस रोक को 22 जुलाई तक के लिए बढ़ा दिया है।

न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि 22 जुलाई तक सीबीआई चिटफंड मामले में कथित तौर पर साक्ष्यों को मिटाने के मामले में कोलकाता पुलिस के पूर्व आयुक्त राजीव कुमार की गिरफ्तारी नहीं कर सकेगी। उनकी गिरफ्तारी पर लगी रोक को हटाने संबंधी सीबीआई की याचिका पर अगली सुनवाई 15 जुलाई को होगी। साथ ही राजीव कुमार ने एक और याचिका लगाई है जिसमें उन्हें कोलकाता से बाहर यात्रा करने की अनुमति देने की अपील की गई है। इस पर 22 जुलाई को सुनवाई होनी है।

साक्ष्यों को मिटाने का आरोप

उल्लेखनीय है कि चिटफंड घोटाला मामले में सारदा समूह के मालिक सुदीप्त सेन उसकी सहयोगी देवजानी तथा मामले में संलिप्त सत्तारूढ़ पार्टी के अन्य नेताओं से जुड़े साक्ष्यों को मिटाने का आरोप राजिव कुमार पर है। उन पर चिटफंड समूह के मालिक के कॉल रिकॉर्ड से भी छेड़छाड़ और वर्ष 2013 में सुदीप्त सेन और देवजानी की जम्मू कश्मीर में गिरफ्तारी के बाद उनके पास से बरामद दस्तावेजों को भी आज तक सीबीआई के हाथ नहीं लगने देने का आरोप है।

इस मामले में उन्हें हिरासत में लेने की अर्जी केंद्रीय जांच एजेंसी ने सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राजीव की गिरफ्तारी पर लगी रोक को हटा दिया था। इसके साथ राजीव को गिरफ्तारी से राहत के लिए निचली अदालत में जाने की छूट दी थी।

इसके बाद ही राजीव कुमार ने कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी जिस पर सुनवाई करते हुए मई महीने में ही न्यायालय ने राजीव की गिरफ्तारी पर एक महीने के लिए रोक लगा दी थी। इसके साथ रोज शाम चार बजे सीबीआई को राजीव के घर जाकर उनसे पूछताछ करने की छूट दी थी। कुमार का पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज जमा किया गया है। उन्हें कोलकाता से बाहर नहीं जाने को कहा गया है और उनका एक मोबाइल नंबर भी सीबीआई को दिया गया है जिसके जरिए जांच एजेंसी जब चाहे राजीव कुमार से संपर्क कर सकती है। जून महीने में कुमार सॉल्टलेक के सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित जांच एजेंसी के पूर्व क्षेत्रीय मुख्यालय में भी गए थे, जहां उनसे करीब चार घंटे तक पूछताछ हुई थी।

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