महालया आज, पश्चिम बंगाल में है विशेष महत्व

बंगाल

पश्चिम बंगाल में जिस तरह दुर्गा पूजा का महत्व है उसी तरह महालया को भी महत्वपूर्ण माना जाता है। बंगाल में महालया का हर कोई इंतजार करता है। इस दिन देवी दुर्गा की आंखें भी बनाई जाती हैं। 

माना जाता है कि महिषासुर का अंत करने के लिए महालया के दिन ही देवी-देवताओं ने मां दुर्गा का आह्वान किया था और शाम के समय मां दुर्गा अपने योगनियां और पुत्र गणेश व कार्तिकेय के साथ पृथ्वी पर पधारी थी।

महालया के दिन पितृपक्ष समाप्त होते हैं। महालया की सुबह पितृ पृथ्वी लोक से विदाई लेते हैं। इसे सर्वपितृ अमावस्या भी कहा जाता है। इस दिन भूले बिछड़े पितरों का श्राद्ध किया जाता है और पितरों को तर्पण करके उनको विदा किया जाता है। साथ ही महालया के दिन पितरों से प्रार्थना की जाती है कि हमसे जो गलतियां हुई हैं, उसके लिए माफ कर दें और अपनी कृपा हमेशा बनाए रखें।

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