Mamata banerjee kafir allah ki kasam

जो काफिर है….अल्लाह की कसम….Mamata Banerjee के इन शब्दों पर भाजपा ने सीएम को घेरा

कोलकाता

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री Mamata Banerjee द्वारा कल निकली सम्प्रीति रैली के संबोधन पर सियासी बवाल शुरू हो गया है।

Mamata Banerjee

ममता बनर्जी ने अपने संबोधन में अल्लाह की कसम खाते हुए कहा था कि बीजेपी को समर्थन करने वालों को माफ नहीं किया जाएगा।

इतना ही नहीं उन्होंने अपनी स्पीच में काफिर शब्द का भी इस्तेमाल किया था। उन्होंने कहा था कि आज मैं अपने मन की बात कह रही हूं। ये लड़ाई शुरू हुई है और जारी रहेगी। हम लड़ेंगे डरेंगे नही।

सीएम Mamata Banerjee ने आगे कहा कि जो काफिर है कापुरुष है वो डरते हैं वो मरते हैं। जो लड़ते है वो जिंदा रहते हैं। उनके इस भाषण के बाद बीजेपी ने तीखा हमला बोला है।

अमित मालवीय ने लिखा 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के दिन Mamata Banerjee ने हिंदू भावनाओं की घोर उपेक्षा करते हुए, ‘सर्व धर्म समभाव’ रैली आयोजित की और अपनी नग्न सांप्रदायिकता को उजागर किया।

उन्होने लिखा कि ‘काफिर’ जैसे शब्दों का प्रयोग किया और अल्लाह का नाम लेते हुए बीजेपी की मदद करने वालों को धमकी दी।

अमित मालवीय ने लिखा कि ममता बनर्जी ने जो कुछ भी कहा उसमें कोई ‘सद्भाव’ नहीं था। बस घोर साम्प्रदायिकता।

अमित मालवीय ने कहा कि ममता बनर्जी अपनी तुष्टिकरण की राजनीति से पश्चिम बंगाल की शांति और विकास के लिए सबसे बड़ा खतरा हैं।

उन्हें एहसास है कि मुसलमानों का उनसे मोहभंग हो गया है, जो हाल के चुनावों में लगातार हार से स्पष्ट है। इसलिए वह घबरा रही है और माहौल खराब कर रही है।’

उनके लिए इससे भी बदतर बात यह हुई कि अधिकांश हिंदुओं ने उनकी फर्जी राजनीतिक रैली को नजरअंदाज कर दिया और इसके बजाय कई राम शोभा यात्राओं में भाग लिया, मंदिरों का दौरा किया और प्रार्थना की।

मालवीय ने लिखा कि अगर बंगाल को बचाना है तो ममता बनर्जी से छुटकारा पाना होगा।

दूसरी तरफ शुभेंदु अधिकारी ने एक्स पर लिखा कि “काफिर”अरबी शब्द मतलब कोई जो अल्लाह पर विश्वास नहीं करता।

उन्होंने पूछा ममता बनर्जी किसे काफिर और कापुरुष (कायर) कह रही हैं? वह काफिरों के विरुद्ध युद्ध छेड़ने को कह रही है।

ममता बनर्जी के शब्दों में काफ़िर भयभीत हो जाते हैं और मर जाते हैं।

शुभेंदु ने आगे लिखा कि वैसे, क्या काफ़िरों के विरुद्ध युद्ध छेड़ना ‘जिहाद’ नहीं कहलाता? क्या उन्होंने सिर्फ जिहाद शुरू करने के लिए कहा था?

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