fire at nandram market

नंदराम मार्केट में नहीं किया गया था फायर लाइसेंस का नवीनीकरण

कोलकाता

कोलकाता। गत शनिवार को मार्केट में लगी आग ने एक बार फिर बड़ाबाजार की अव्यवस्था का कच्चा चिट्ठा खोल दिया है। कोलकाता के बड़ाबाजार स्थित नंदराम मार्केट में विगत तीन सालों से फायर लाइसेंस को रिन्यू नहीं कराया गया था। अब अग्निशमन विभाग इसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की तैयारी में जुट गया है।

साल 2008 में लगी भयावह आग को बुझाने में 100 घंटे से अधिक का समय लगा

साल 2008 में भी इस मार्केट में भयावह आग लगी थी जिसे बुझाने में अग्निशमन विभाग को 100 घंटे से अधिक का समय लगा था। यहां मौजूद हजारों दुकानें आग की चपेट में आकर खाक हो गई थीं। हजारों करोड़ रुपये के नुकसान के साथ ही कारोबारियों के सपने भी उस आग में जलकर खाक हो गए थे लेकिन उस भयावह अग्निकांड से भी यहां के कारोबारियों ने कोई सबक नहीं लिया।

इस बीच गत शनिवार को एक बार फिर यह मार्केट आग की चपेट में आ गया। नौवीं मंजिल की एक गोदाम में आग लगी थी जो पास की दूसरी गोदाम में भी फैल चुकी थी। अग्निशमन विभाग की 15 गाड़ियों को करीब पांच घंटे तक कड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी जिसके बाद आग पर काबू पाया जा सका था। उसके बाद से यह सवाल उठ रहे थे कि यहां अग्निशमन व्यवस्था पुख्ता थी या नहीं। इसकी जांच में बड़ाबाजार पुलिस के साथ-साथ अग्निशमन विभाग भी जुटा हुआ था। अब जाकर पता चला है कि यहां अग्निशमन व्यवस्था पुख्ता थी ही नहीं।

नंदराम मार्केट की इमारत में मौजूद वाटर रिजर्वर खाली था

शनिवार को आग लगने के बाद इसे बुझाने के लिए पहुंचे अग्निशमन कर्मियों ने पुलिस को दिए गए अपने बयान में बताया है कि जब वे आग बुझाने के लिए मौके पर पहुंचे तब नंदराम मार्केट की इमारत में मौजूद वाटर रिजर्वर खाली था। यानी उसमें नियमानुसार पानी एकत्रित रहना चाहिए लेकिन पानी नहीं था। इसके अलावा आग लगने पर पानी का फव्वारा छोड़ने वाला स्प्रिंकल भी काम नहीं कर रहा था। इसका मतलब है कि सेंसर सक्रिय नहीं था। अग्निशमन कर्मियों को बिना पानी करीब आधे घंटे तक इंतजार करना पड़ा था। बाद में पंपिंग स्टेशन से पानी मंगाया गया जिसके बाद आग बुझाने का काम शुरू हुआ। इसके अलावा मार्केट को नगर निगम और अग्निशमन विभाग की ओर से दिया गया अग्निशमन लाइसेंस भी एक्सपायर हो चुका था और तीन सालों से उसे रिन्यू नहीं कराया गया था।

कम से कम 12 बार होना चाहिए था नवीनीकरण

नियमानुसार प्रति तीन महीने पर फायर लाइसेंस रिन्यू करना पड़ता है। इसके लिए अग्निशमन विभाग के पास रिपोर्ट दी जाती है और अग्निशमन अधिकारी आकर समीक्षा करते हैं जिसके बाद इमारत को नया फायर लाइसेंस दिया जाता है। विगत तीन सालों में 12 बार फायर लाइसेंस रिन्यू किया जाना चाहिए था लेकिन एक बार भी नहीं किया गया।अब एक बार फिर जब यह पूरी इमारत आग की चपेट में आई है तो मार्केट को प्रशासन ने बंद कर दिया है। लेकिन फिर भी कारोबारी इसमें अपनी दुकानों को खोल रहे हैं। प्रशासन ने बिजली आपूर्ति तो बंद कर दी है लेकिन मोमबत्ती जलाकर काम कर रहे हैं। एक कारोबारी ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि हमलोग बिल्डिंग मेंटेनेंस के लिए जो भी रुपया देना है वह दे देते थे। अगर मालिक उसकी व्यवस्था नहीं करता था तो उसमें हमारा कोई दोष नहीं। एक गोदाम में आग लगी। उससे सारे कारोबारियों का व्यवसाय ठप हो रहा है। यह नैतिक तौर पर सही नहीं है। नंदराम मार्केट के मालिक मानिकचंद सेठिया से इस मामले में प्रतिक्रिया के लिए लगातार संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने बात नहीं की।

क्या कहना है अग्निशमन विभाग का

अग्निशमन विभाग के डीजी जगमोहन ने कहा है कि अग्निशमन व्यवस्था के लिए नंदराम मार्केट को कई निर्देश दिये गये थे जिसे नहीं माना गया है। फायर लाइसेंस का नवीकरण तक नहीं किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि विभाग ने इस पूरे मामले का संज्ञान लिया है और आवश्यकता पड़ने पर इसके खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज कराई जाएगी। उल्लेखनीय है कि पिछले साल 16 सितंबर को इसी तरह बड़ा बाजार की मशहूर बागड़ी मार्केट में आग लगी थी जिसे बुझाने में चार दिनों का समय लगा था।

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