ड्रोन उड़ाने को लेकर केंद्र सरकार ने नए नियम बना दिए हैं। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने नए ड्रोन नियम 2021 को पारित किया है, जो मौजूदा मानव रहित विमान प्रणाली नियम की जगह लेंगे। सरकार ने अधिसूचना जारी कर यह जानकारी दी।
पंजीकरण या लाइसेंस जारी करने से पहले अब किसी सुरक्षा मंजूरी की आवश्यकता नहीं
अब सरकार ने नए नियमों को जारी कर दिया है, जिसमें ड्रोन के संचालन के लिए किसी भी पंजीकरण या लाइसेंस जारी करने से पहले अब किसी सुरक्षा मंजूरी की आवश्यकता नहीं है। जबकि ड्रोन संचालित करने की अनुमति के लिए शुल्क नाममात्र हो गया है।
ड्रोन के लिए एक रूट बनाने की बात कही जा रही है और ड्रोन के वजन, रूट आदि के आधार पर कई नियम तय किए गए हैं
अब सरकार ने ड्रोन से जुड़े कई काम ऑनलाइन कर दिए हैं, जिसमें ऑनलाइन लाइसेंस आदि देने की प्रक्रिया शामिल है। इसके अलावा अब ड्रोन के लिए एक रूट बनाने की बात कही जा रही है और ड्रोन के वजन, रूट आदि के आधार पर कई नियम तय किए गए हैं।
ड्रोन नियम, 2021 की कुछ खास बातें
- पहले ड्रोन को लेकर कई तरह के नियम थे और ड्रोन उड़ाने से पहले कई अप्रूवल लेने होते थे, जिन्हें अब रद्द कर दिया गया है। इन अप्रूवल में विशिष्ट प्राधिकार संख्या, विशिष्ट प्रोटोटाइप पहचान संख्या, मौजूदा ड्रोन की स्वीकृति, संचालन परमिट, स्टूडेंट रिमोट पायलट लाइसेंस, ड्रोन पोर्ट प्राधिकार आदि शामिल है।
- ड्रोन के कवरेज को 300 किलो से बढ़ाकर 500 किलो किया गया है।
- पहले परमिशन लेने के लिए करीब 25 फॉर्म भरने होते थे, जिसे अब 5 कर दिया गया है।
- लाइसेंस से पहले कोई भी सिक्योरिटी क्लियरेंस की आवश्यकता नहीं है। शुल्क को न्यूनतम स्तर पर किया गया है।
- बुनियादी नियमों के उल्लंघन पर 1 लाख रुपए तक दंड रखा गया है। हालांकि, अन्य नियमों के उल्लंघन पर ऐसा नहीं है।
- बता दें कि ड्रोन उड़ाने के लिए कई जोन तय किए गए हैं। यह जोन ऊंचाई के हिसाब से तय किए गए हैं। यह एक तरीके से ड्रोन उड़ाने के दायरे हैं। इसमें अगर आप ग्रीन जोन में यानी 200 फीट तक एयरपोर्ट से 8 से 12 किलोमीटर दूर ड्रोन उड़ाते हैं तो आपको परमिशन की आवश्यकता नहीं है।
- डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म के जरिए सभी ड्रोन के रजिस्ट्रेशन करवाए जा सकते हैं।
- ड्रोन को ट्रांसफर करने और डिरजिस्ट्रेशन के प्रोसेस को आसान कर दिया गया है।
- बता दें कि ड्रोन भी कई तरह के होते हैं। इसमें अगर आप नैनो ड्रोन उड़ाते हैं तो पायलट लाइसेंस की जरूरत नहीं है।
- ‘नो पर्मिशन–नो टेक-ऑफ’ (एनपीएनटी), वास्तविक समय में ट्रैकिंग, जियो-फेंसिंग जैसे सुरक्षा तत्वों को भविष्य में अधिसूचित किया जायेगा। इसके अनुपालन के लिये छह महीने का समय दिया जायेगाम
- ड्रोन ट्रेनिंग और परीक्षा ऑथोराइज्ड ड्रोन स्कूल के जरिए दी जाएगी। साथ ही डीजीसीए ऑनलाइन माध्यम से ही पायलट लाइसेंस उपलब्ध करवाएगा।
- साथ ही पायलट लाइसेंस की प्रक्रिया को भी काफी आसान कर दिया गया है।
- डीजीएफटी द्वारा ड्रोन और ड्रोन के पुर्जों के आयात को नियमित किया जायेगा।
- – कार्गो ड्रोन के लिए ड्रोन कॉरिडोर्स बनाए जाएंगे।
