आप सचमुच ऑनलाइन पढ़ाई करतें है या रिल्स देखतें हैं – ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान भटकाव पर बोले पीएम मोदी

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परीक्षा पे चर्चा के दौरान छात्रों से बातचीत करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘मन में तय कर लीजिए कि परीक्षा जीवन का सहज हिस्सा है।  हमारी विकास यात्रा के ये छोटे-छोटे पड़ाव हैं। इस पड़ाव से पहले भी हम गुजर चुके हैं। पहले भी हम कई बार परीक्षा दे चुके हैं। जब ये विश्वास पैदा हो जाता है तो आने वाले एक्जाम के लिए ये अनुभव आपकी ताकत बन जाता हैं।’

 

क्या सोशल मीडिया से जो ध्यान हटता है उसका कुछ उपाय है?

इस सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने कहा, ‘जब आप ऑनलाइन पढ़ाई करते है तो read करते है या reels देखते है। खुद से पूछिए कि जब आप ऑनलाइन रीडिंग करते हैं तो सच में रीडिंग करते हैं या रील देखते हैं। हकीकत में दोष ऑनलाइन या ऑफलाइन का नहीं है। आपने अनुभव किया होगा कि क्लास में भी कई बार आपका शरीर क्लासरूम में होगा, आंखें टीचर की तरफ होगी लेकिन कान में एक भी बात नहीं जाती होगी। क्योंकि आपका मन कहीं और होगा तो सुनना बंद हो जाएगा। इसका मतलब है कि माध्यम समस्या नहीं है मन समस्या है।

 

ऑनलाइन शिक्षा से अपना आधार मजबूत करें

हमें ऑनलाइन पढ़ाई को रिवॉर्ड की तरह लेना चाहिए। अगर टीचर की पढ़ाई सामग्री और ऑनलाइन मैटीरियल्स को जोड़कर देखें तो आप अपने सीखने मं वैल्यू एडिशन करेंगे। मैं मानता हूं कि ऑनलाइन पाने के लिए है और ऑफलाइन पनपने के लिए है।

 

ऑनलाइन को अपना आधार मजबूत करने के लिए उपयोग करें और ऑफलाइन में ऑनलाइन सीखी हुई चीजों को साकार करने में इस्तेमाल करें। अगर ऑनलाइन में दिमाग भटकता है, तो उसके लिए टूल भी उपलब्ध है, जो आपको अनुशासन में ला सकते हैं। ये टूल आपको बताएंगे कि आपको कितना समय कहां बिताना है, क्या करना है क्या नहीं। ये आपको वॉर्निंग देते हैं। इससे खुद की सीमा तय करें।

 ‘ऑनलाइन पाने के लिए है, ऑफलाइन बनने के लिए’

पीएम ने रोचक अंदाज में कहा,  ‘ऑनलाइन पाने के लिए है, ऑफलाइन बनने के लिए’। उन्होंने कहा, जैसे डोसा बनाने की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन देखी और समझी जा सकती है, लेकिन क्या इससे पेट भरेगा। पेट तो तब भरेगा जब ऑफलाइन के रूप में हम पूरी सामग्री जुटाएंगे और डोसा बनाकर खाएंगे। इस तरह पीएम ने बच्चों से कहा कि वे ऑनलाइन से दुनियाभर की जानकारी हासिल कर लें और उसे ऑफलाइन के रूप में अपने जीवन में उतारें।  

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