कांग्रेस पर पीएम मोदी का तंज, कहा- 2014 में जनता ने अचानक रोशनी की, किसी की आंखें चली गई

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पीएम मोदी ने राज्यसभा में अपने भाषण की शुरुआत में ही विपक्षी दल के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और आनंद शर्मा पर तंज कसा। खड़गे जी ने कुछ देश के लिए, कुछ दल के लिए, कुछ खुद के लिए काफी कुछ बातें बताई थीं। आनंद शर्मा जी ने भी उनको जरा समय की तकलीफ रही, लेकिन फिर भी उन्होंने कोशिश की है।

 

अगले 25 सालों के लिए देश को कैसे आगे ले जाना है इस पर ध्यान हो, बोले पीएम मोदी

 

पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में देश में जो कुछ भी गतिविधि हुई है उसका एक संक्षिप्त खाका पेश किया गया। पीएम ने कहा कि आज देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। पिछले 75 सालों में देश को दिशा देने का गति देने का अनेक स्तर पर प्रयास हुए हैं। इनका लेखाजोखा लेकर जो अच्छा है उसे आगे बढ़ाना, जहां नए प्रयास करने की जरूरत है, उसे करना।
पीएम ने कहा कि देश जब आजादी के 100 साल मनाएगा, तो हमें देश को कहां ले जाना है , कैसे ले जाना है। इसके लिए यह महत्वपूर्ण समय है। उन्होंने कहा कि हम सभी राजनेताओं ने देश को आने वाले 25 साल में कैसे ले जाना है, उस पर ध्यान केंद्रित करना है।

अगर कांग्रेस न होती…

पीएम मोदी ने संसद में कहा कि अगर महात्मा गांधी की इच्छानुसार कांग्रेस न होती तो क्या होता। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस न होती तो लोकतंत्र परिवारवाद से मुक्त होता, अगर कांग्रेस न होती तो भारत विदेशी चस्पे के बजाय स्वदेशी संकल्पों के रास्ते पर चलता, अगर कांग्रेस न होती तो देश पर इमरजेंसी का कलंक नहीं होता, दशकों तक करप्शन को संस्थागत न बनाकर रखा होता, जातिवाद और क्षेत्रवाद की खाई इतनी गहरी नहीं होती, अगर कांग्रेस न होती तो सिखों का नरसंहार न होता, सालों-साल पंजाब आतंक की आग में न जलता, कश्मीर के पंडितों को कश्मीर छोड़ने की नौबत न आती, बेटियों को तंदूर में जलाने की घटनाएं न होती, देश के सामान्य आदमी को मूल सुविधाओं के लिए इतने साल इंतजार न करना होता।

भाषण में अटल बिहारी वाजपेयी की कविता का किया जिक्र

पीएम ने कहा कि इस कोरोना काल में दुनिया को दवाई पहुंचाने की बात हो या पर्यावरण संरक्षण को लेकर पहल की बात हो, भारत के लीडरशिप की दुनिया में चर्चा है। पीएम ने कहा कि जब संकट का काल होता है, चुनौतियां आपार होती है। दुनिया की शक्ति अपने बचाव में लगी होती है। ऐसे समय में मुझे अटल बिहारी जी कविता की पंक्ति याद आ रही है।व्याप्त हुआ बर्बर अंधियारा, किंतु चीरकर तम की छातीचमका हिंदुस्तान हमाराशत-शत आघातों को सहकरजीवित हिंदुस्तान हमारा.

2014 की रोशनी में चली गई आंखें, जब पीएम मोदी ने देश की आलोचना करने वालों पर तंज

पीएम ने विपक्षी नेताओं पर तंज कसते हुए कहा कि कुछ लोगों को भारत की निराशाजनक तस्वीर पेश करने में आनंद आ रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि जब इस तरह की निराशा देखता हूं तो मुझे लगता है कि सार्वजनिक जीवन में व्यक्ति निराशा को कम से कम देश पर नहीं थोपना चाहिए। पीएम मोदी ने गुजरात का हवाला देते हुए कहा कि जब हरियाली होती है तो, उसी समय दुर्घटनावश उसकी आंखें चली जाए तो जीवनभर में उसकी आंखों में हरियाली वाली तस्वीर दिखती है। ऐसे ही 2014 के बाद जो रोशनी आई, उसमें किसी की आंखें चली गई हैं तो उन्हें वहीं 2013 से पहले वाली दुर्दशा की तस्वीर दिखाई देती है।

खड़गे जी आप भी अधीर रंजन वाली गलती कर रहे हैं

पीएम मोदी के भाषण के बीच जब मल्लिकार्जुन खड़गे ने कुछ कहा तो पीएम मोदी ने कहा कि खड़गे जी आप भी अधीर रंजन जी वाली गलती कर रहे हैं। आप बहुत सम्मानित नेता है। आप जो कर रहे हैं उस काम को करने के लिए जयराम रमेश जी ने पीछे कुछ लोगों को तैयार किया है। थोड़ी देर में वह (टोकाटोकी का दौर) शुरू होने वाला है।
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