प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भारत-जापान संवाद सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने पारंपरिक बौद्ध साहित्य के लिए पुस्तकालय के निर्माण का सुझाव दिया।
पीएम मोदी ने कहा कि आज मैं एक पारंपरिक बौद्ध साहित्य के पुस्तकालय और शास्त्रों के निर्माण का प्रस्ताव करना चाहूंगा। हम भारत में इस तरह की सुविधा बनाने से प्रसन्न होंगे और इसके लिए उपयुक्त संसाधन उपलब्ध कराएंगे।
अपने संबोधन की शुरुआत में पीएम मोदी ने कहा कि इस यात्रा में संवाद और बहस को प्रोत्साहित करने के लिए, हमारे साझा मूल्यों को उजागर करने के लिए और आध्यात्मिक और विद्वानों के आदान-प्रदान की हमारी प्राचीन परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए संवाद अपने मूल उद्देश्यों के लिए सही रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि पुस्तकालय विभिन्न देशों के ऐसे सभी बौद्ध साहित्य की डिजिटल प्रतियां एकत्र करेगा। इसका उद्देश्य उनका अनुवाद करना होगा और उन्हें बौद्ध धर्म के सभी भिक्षुओं और विद्वानों के लिए स्वतंत्र रूप से उपलब्ध कराना होगा।
