वक्ताओं ने कहा : उनका निधन जैन समाज की अपूरणीय क्षति
सनलाइट, कोलकाता। दिगम्बर जैन समाज के सुप्रसिद्ध समाज सेवी, साहित्य प्रेमी, तीर्थों-मन्दिरों के संरक्षण एवं संवर्द्धन के पुरोधा समाज सेवी श्रवण कुमार जैन के निधन पर दिगम्बर जैन समाज की ओर से 18 मई को चितपुर स्थित श्री दिगम्बर जैन भवन में एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया।
उनका गत शुक्रवार, दिनांक 9 मई को स्वर्गवास हो गया था। वरिष्ठ समाज सेवी के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने के लिए समाज सेवी राजकुमार सेठी की अध्यक्षता में श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गयी।
इस मौके पर जैन समाज के अलावा भी अनेक गण्यमान्य लोगों की उपस्थिति रही। सर्वप्रथम श्रद्धांजलि सभा की शुरुआत विकास जैन के मंगलाचरण से हुई।
दिवगंत आत्मा के शांति के लिए राजकुमार सेठी, अशोक कुमार जैन (बजाज), महावीर जैन, अजीत पांड्या, राजेश जैन, भानु जैन, प्रमोद वर्मा ने भगवान महावीर के चित्र के आगे दीप जलाये।
इस मौके पर श्रवण कुमार जैन के पुत्र सुबोध, श्रेयांश और समीर जैन ने भी अपने पिता के चित्र पर फूल चढ़ाएं और श्रद्धा निवेदित किया।
अन्य गणमान्य लोगों ने भी श्रद्धा सुमन अर्पित किये और अपने संक्षिप्त उद्गारों से श्रवण जैन जी के सामाजिक कार्यों का उल्लेख किया।
पिंजरापोल सोसाइटी के रमेश सरावगी, श्री जिनवरम के संजय काला, तीर्थ संरक्षिणी महासभा के अध्यक्ष निर्मल पुष्प बिंदायका, जीतो कोलकाता के दिनेश जैन,
पद्दोपुकुर मंदिर से अशोक बजाज, दातव्य औषधालय से सागर जैन,कोलाघाट के जैन समाज से राजीव जैन, रिसड़ा जैन समाज के अध्यक्ष निरंजन जैन ,आदिनाथ भक्त मंडल के मुकेश धगड़ा, श्री जैन सेवा दल के सुरेंद्र जी, जैन जनवानी के दिनेश धगड़ा, संजीव सिंघई, मनीष गंगवाल आदि लोगों ने अपने विचार प्रकट किए।
तिवारी ब्रदर्स के रामलाल जी, बी. के. जैन सॉलिसिटर आदि अनेक गणमान्य लोगों ने श्रवण जी के चित्र पर पुष्प अर्पित किया।
परिवार के लोगों में पौत्री श्रुति और सौम्या ने भी अपने उद्गार व्यक्त किये। सौरभ व श्रद्धा ने कहा कि बाबा का जीवन संघर्ष, सादगी और सेवा का प्रतीक था, जो हर दिल को छू गया।
उन्होंने परिवार और समाज के लिए बिना दिखावे के तहे दिल से योगदान दिया। उनके साथ बचपन की बहुत सारी प्यारी यादें हैं और वे हमारा सबसे बड़ा सहारा थे।
वे मौन में सहनशीलता और गरिमा की मिसाल थे। उनका प्रेम हर छोटे इशारे, हर चुप्पी और हर मुस्कान में झलकता था। उनके जाने से जैसे एक युग समाप्त हो गया, पर उनकी विरासत सदा जीवित रहेगी।
राजकुमार सेठी ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की। सफल संचालन सुधा जैन ने किया। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण में भाई साहब की महत्वपूर्ण भूमिका थी।
महिला परिषद को भाई साहब का हमेशा सहयोग मिलता था। इस सभा में सुबोध-सविता, श्रेयांश-नीलम, समीर-सुरक्षा (पुत्र-पुत्रवधु) सिद्धार्थ-प्रेरणा (पौत्र-पौत्रवधु), श्रद्धा-नीतिश (पौत्री-पौत्री दामाद) सौरभ (पौत्र), श्रुति, सौम्या (पौत्री) एवं समस्त परिवार उपस्थित था।
श्रद्धांजलि सभा में रमेश सरावगी ने कहा कि श्रवण जी सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं करते थे और बहुत कम उम्र से ही मेरा उनके साथ रहा है।
उनका निधन पूरे दिगंबर जैन समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है. अनिल सरावगी ने कहा कि उनके निधन से समाज की बहुत बड़ी क्षति हुई है। हम उनके समाज सेवा और उनकी कार्यशैली से बहुत प्रभावित थे।
महावीर जैन ने कहा कि वे साहित्य प्रेमी और धर्म परायण व्यक्ति थे। उनके निधन से जो क्षति हुई है, उसकी पूर्ति नहीं की जा सकती। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।
पौत्री सौम्या ने कहा कि वह परिवार के मुखिया ही नहीं थे, बल्कि एक गाइड थे, जिन्होंने परिवार को अनुशासन और सद्विचार सिखाए।
पौत्री श्रुति ने कहा कि वे हमेशा हमारे हृदय में बने रहेंगे. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे। पुत्र समीर जैन ने कहा कि इस कठिन समय में आपका साथ और संवेदनाएं हमारा संबल बनेंगी।
वे हम सभी के लिए आदर्श थे और उनका जीवन प्रेरणादायक था। उन्होंने फूल मार्का परिवार की ओर से सभी का आभार व्यक्त किया, खासकर श्रद्धांजलि सभा के अध्यक्ष राजकुमार जी का भी आभार व्यक्त किया।
पौत्रवधु सीएस प्रेरणा जैन ने भी अपने दादा जी को याद किया और दो शब्द कहे कि उन्होंने पूरे दिगंबर समाज को एक नई राह दिखाई।
उनके जाने से परिवार में एक शून्य पैदा हुआ है, जिसे शायद ही कभी भरा जा सके। कोलाघाट जैन समाज के अध्यक्ष राजीव जैन ने कहा कि श्रवण जी के आदर्श, उनकी शिक्षाएं हमेशा हमारा मार्गदर्शन करती रहेंगी।
85 साल के लंबे जीवन काल में उन्होंने पूरे देश में कई सामाजिक कार्य किये। कॉलेज, धर्मशाला,मंदिर आदि कई सारे कार्य उनकी स्मृति को हमेशा जिंदा रखेंगे।
राजकुमार सेठी ने कहा कि उनकी हर सांस समाज के लिए थी। वे सिर्फ जैन समाज के नहीं, बल्कि पूरे मानव समाज के लिए कार्य करते थे। जहां भी, जिस किसी को भी, जो जरूरत पड़ी, उनकी उन्होंने हमेशा मदद की।
उन्होंने कहा कि कोलकाता के जैन भवन का काया कल्प हो या नया मंदिर की मंत्री पद के माध्यम से की गई सेवा हो एवं अन्य संस्थाओ में की गई सेवा एक अमिट छाप छोड़ गई है।
उल्लेखनीय है कि इसका आयोजन श्री जैन परिषद ने किया था। सकल दिगम्बर जैन समाज, कोलकाता ने इस आयोजन में सहभागिता की। प्रीति सेठिया ने सभा की जानकारी देते हुए श्रवण जैन के सामाजिक कार्यों का उल्लेख किया।