सनलाइट, कोलकाता। जिस नाम से हमें पुकारा जाता है है वो मैं नही। मैं वह भी नही जो दुखी होता है या अभावग्रस्त होता है तथा कष्ट में होता है। मैं तो आनंदस्वरूप, अविनाशी हुँ। यह बातें योगाचार्य राजेश व्यास ने फेसबुक पेज पर लाइव कार्यक्रम में कही।
श्री कृष्ण योग ट्रस्ट द्वारा आयोजित ध्यान योग – मैं हूँ अविनाशी लाइव कार्यक्रम में राजेश व्यास ने बताया कि मैं तो शांतस्वरूप परमानंद उस परम का अंश हूँ। उन्होंने कहा कि प्रतिकूल परिस्थितियों से प्रभावित होने के समय भी जिसका स्मरण मजबूत हो वो मैं है।
लगभग आधे घंटे के इस कार्यक्रम में योगाचार्य ने ध्यान का अभ्यास कराते हुए बताया कि जितने हम परिपक्व होंगे आनंद भी उतना स्थाई होते जाएगा।