राष्ट्रीय कवि संगम पश्चिम बंगाल ने शहीदों को किया याद

सामाजिक

कोलकाता। राष्ट्रीय कवि संगम पश्चिम बंगाल इकाई ने अपने राष्ट्रीय धर्म का निर्वाह करते हुए 23 मार्च 2021 को बलिदान दिवस पर अमर शहीदों को काव्यांजलि के रूप में भावभीनी श्रद्धांजलि समर्पित करते हुए उनकी वीरता भरी शहादत को याद किया।

 

कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय कवि संगम पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष डॉ गिरिधर राय की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। कार्यक्रम का संचालन देवेश मिश्र ने किया। कार्यक्रम में उपस्थित थे पश्चिम बंगाल इकाई के महामंत्री रामपुकार सिंह, सुषमा राय पटेल, रीमा पांडे एवं सुदामी यादव।

कार्यक्रम की शुरुआत रीमा पांडे की सरस्वती वंदना से की। सुदामी यादव ने “हे भारत के अमर शहीदों तुम्हें नहीं बिसराएंगे ” कविता द्वारा शहीदों को काव्यांजलि समर्पित की। सुषमा राय पटेल जी ने “मेरा रंग दे बसंती चोला ” कविता का पाठ कर अमर शहीदों को याद किया।

 

संचालक देवेश मिश्र ने बीच-बीच में अमर शहीदों की वाणी का स्मरण कराते हुए शहीदों को अपनी काव्यांजलि देते रहें। महामंत्री रामपुकार सिंह ने अपनी कविता -हँसकर झूला फासी पर, सचमुच का मर्दाना था” द्वारा शहीदों की वीरता का बखान करते हुए अपनी काव्यांजलि समर्पित की।

 

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे बंगाल के प्रांतीय अध्यक्ष डॉ. गिरिधर राय ने वीर शहीदों की कुछ बातों का स्मरण कराते हुए कहा –

मेरा  क्या !  मैं  तो  ऐसे  ही गीत  सुनाऊँगा, दर्द देश का देख रहा हूँ वही तुम्हें दिखलाऊँगा  जब  स्वयं  नहीं  झूला  सावन  के झूलों पर, तो कैसे तुम्हें झुलाऊँगा ? हाँ !  जिस झूले पर  झूल गये थे  हँसते- हँसते भगत सिंह,सुखदेव,गुरु , झूला वही झुलाऊँगा।

 

 मेरा क्या  ! मैं  तो  ऐसे  ही  गीत  सुनाऊँगा
  दर्द देश का देख रहा हूँ वही तुम्हें दिखलाऊँ”

यह सुनाकर श्रोताओं को भावविभोर कर दिया।अंत में देवेश मिश्र ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

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