नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के नेता ओम बिड़ला लोकसभा स्पीकर पद के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(एनडीए) के उम्मीदवार होंगे। दस दलों ने बिड़ला के नाम का समर्थन किया है। केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने मंगलवार को संसद भवन परिसर में मीडिया को यह जानकारी दी।
लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए ओम बिड़ला की उम्मीदवारी के संबंध में उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री, रक्षामंत्री, गृहमंत्री, परिवहन मंत्री उनके प्रस्तावक थे। नेशनल पीपुल्स पार्टी(एनपीपी), मिजो नेशनल फ्रंट(एमएनएफ), लोक जनशक्ति पार्टी(एलजेपी), वाईएसआरसीपी, जेडीयू, एआईएडीएमके, अपना दल और बीजू जनता दल(बीजद) सहित 10 दलों ने प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को भाजपा संसदीय दल की बैठक में गुणवत्ता, निपुणता और तत्परता पर सबसे अधिक ध्यान केंद्रित करने की बात करके स्षष्ट कर दिया था कि उनकी नजर में जिम्मेदारी सौंपने के लिए वरिष्ठता ही एकमात्र पैमाना नहीं है। ऐसे में महज तीन बार के विधायक और दो बार के सांसद का नाम लोकसभा अध्यक्ष के लिए बढ़ाने के प्रधानमंत्री के फैसले पर किसी को हैरानी नहीं होनी चाहिए। उल्लेखनीय है कि लोकसभा अध्यक्ष की दौड़ में पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी, राधामोहन सिंह, रमापति त्रिपाठी, एसएस अहलुवालिया और डॉ वीरेंद्र कुमार आदि वरिष्ठ नेताओं के नाम शामिल थे।
लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए चुनाव बुधवार को होगा। विपक्ष ने अभी तक अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। मंगलवार को नामांकन का अंतिम दिन है। लोकसभा में एनडीए के बहुमत के कारण बिड़ला का जीतना तय है। ऐसे में स्पष्ट है कि अब लोकसभा की कार्यवाही को चलाने की जिम्मेदारी राजस्थान के नेता को मिलेगी। पिछली लोकसभा में यह जिम्मेदारी मध्य प्रदेश से आने वाली सुमित्रा महाजन के पास थी।
ओम बिड़ला
चार दिसंबर,1962 को जन्मे ओम बिड़ला दूसरी बार राजस्थान के कोटा(बूंदी) से जीतकर संसद पहुंचे हैं। वह 2014 में भी इस सीट से चुनाव जीतकर सांसद बने थे। हालांकि इससे पहले वह 2003, 2008 और 2013 में कोटा से ही विधायक भी रह चुके हैं।
इससे पहले ओम बिड़ला ने आज भाजपा के नए कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा से उनके आवास पर मुलाकात की। हालांकि बिड़ला ने उन्हें एनडीए की तरफ से लोकसभा अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बनाए जाने के संबंध में कोई जानकारी साझा नहीं की। उन्होंने कहा कि नड्डा से उनकी मुलाकात महज एक कार्यकर्ता के नाते उन्हें बधाई देने के लिए थी।
