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YOGA – बच्चों के लिए योग जरूरी क्यों ?

स्वास्थ्य

हम सब जानते हैं कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है। आज के समय मे स्वस्थ शरीर या स्वस्थ मस्तिष्क के लिए योग (Yoga) बहुत जरूरी हो गया है। हमारा शरीर एक मशीन के समान है, जैसे किसी मशीन के हिस्से में कोई खराबी आ जाए तो वो ठीक तरह से काम करना बंद कर देती है, वैसे ही मानव शरीर के ठीक से काम करने के लिए उसके हर अंग का स्वस्थ रहना बेहद जरूरी है, और योग ऐसा करने में सक्षम है। वयस्कों का योग करना सामान्य हो गया है लेकिन अब बच्चों के लिए भी योग बेहद जरूरी बताया जा रहा है।

बच्चों के लिए योग जरूरी क्यों ?

बच्चों को अपने माता-पिता और शिक्षकों की अपेक्षाओं को पूरा करने, स्कूलों और कॉलेजों में बढ़ती प्रतिस्पर्धाओं में आगे आने के साथ-साथ तमाम तरह की अतिरिक्त गतिविधियों में हिस्सा लेना होता है। ऐसे में एक बच्चे के शरीर पर मानसिक और शारीरिक तनाव के साथ-साथ कई तरह का दबाव होता है, ऐसे में बच्चों के शरीर के लिए भी योग उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना एक वयस्क के लिए। योग करने की अच्छी आदत बच्चों को बचपन से ही दे दी जाए तो बात ही कुछ और होगी, क्योंकि इसके अनेक फायदे हैं।

Yoga

Yoga से बढ़ता है आत्मविश्वास

योग की एक सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि जब बच्चे योग को अपना लेते हैं तो वे योग ना करने वाले बच्चों से ज्यादा आत्मनिर्भर हो जाते हैं और उनका आत्मविश्वास बढ़ता है। उनकी शारीरिक क्षमता तो बढ़ती ही है, साथ ही उनकी जीवन शैली और रहन-सहन में भी फर्क आता है। खास बात ये है कि बच्चे नई चीजें सीखने में बहुत तेज़ होते हैं इसीलिए उन्हें बचपन से ही योग वाली अच्छी आदत डाली जा सकती है, जिसका फायदा वे भविष्य में लंबे समय तक ले सकते हैं।

योग मुद्राएं बच्चों के शरीर को बनाती है मजबूत और Flexible

योग हमारे शरीर को शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक, आत्मिक और आध्यात्मिक रूप से मजबूत बनाता है। योग के दौरान बनाई गईं मुद्राएं और आसन बच्चों के संपूर्ण विकास में भागीदार बनते हैं। योग मुद्राएं बच्चों के शरीर को मजबूत और लचीला बनाती हैं और शरीर में शक्ति उत्पन्न करती हैं। जो बच्चे जन्म से ही शारीरिक रूप से कमजोर होते हैं उन्हें फिजियोथेरेपिस्ट योग थेरेपी अपनाने की सलाह देते हैं, जिससे उनका शरीर मजबूत होता है।

Pranayam से कम होता है तनाव

प्राणायाम करने से बच्चों के श्वसन प्रणाली और हृदय प्रणाली को मजबूत होती है। प्राणायाम से बच्चों में तनाव, अस्थमा और हकलाने से संबंधित विकारों से छुटकारा मिलने में भी मदद मिलती है। इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि बच्चों को किसी योग टीचर की देख रेख में ही योग करवाएं, और एडवांस्ड योगासन न करवाएं। बच्चों से योग तभी करवाएं जब वे इसे सहजता से करें। कभी भी योग के लिए जबरदस्ती न करें। क्योंकि 8 साल से छोटे बच्चों के फेफड़ों में हवा भीतर लेने वाली थैलियां पूरी तरह से संख्या नहीं ले पातीं। 8 वर्ष के बाद हवा थैलियां सिर्फ आकार लेती हैं और इनकी संख्या में कोई बदलाव नहीं होता।

DHYAN (Meditation) लगाने में मिलती है काफी मदद

जो बच्चे सुबह से लेकर शाम तक स्कूल और ट्यूशन के फेर में घिरे रहते हैं, उन्हें योग प्राणायाम जरूर करना चाहिए। बच्चों को योग करने से एकाग्रता और ध्यान लगाने में काफी मदद मिलती है। उनके लिए पद्मासन, सर्वांगासन और चक्रासन जैसे योगासन बहुत मददकार साबित हो सकते हैं। ये योगासन बच्चों को अधिक एकाग्र बनाकर उनके भीतर उचित स्थिरता लाते हैं। इसके लगावा शरीर और दिमाग में रक्त का सही संचार करने में मदद करते हैं।

Surya Namaskaar करने से दिमाग होता है तेज

सूर्य नमस्कार करने से बच्चों का दिमाग तेज होता है और उनकी याद रखने की क्षमता भी बेहतर होती है। इसे करने के लिए बच्चे की न्यूनतम आयु 7-8 साल होनी चाहिये।

Yoga For Height

योग करने से बच्चों की लंबाई बढ़ने की प्रक्रिया में तेज़ी आती है या जिन बच्चों का विकास रूक जाता है, उसके फिर से शुरु होने में मदद मिलती है। भुजंगासन करने से कन्धों, छाती और पेट की माँसपेशियों में खिंचाव पैदा करता है। इसके द्वारा अंग विन्यास में सुधार होता है, जिससे कद बढ़ता है। दूसरी तरफ वृक्षासन है जो रीढ़ की हड्डी को लम्बा और सीधा करने में मदद करता है, और रीड की हड्डी का लंबा होना कद बढ़ाने में बहुत सहायक माना जाता है।

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