नई दिल्ली। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया गैंगरेप और हत्या के चारों दोषियों को जल्द फांसी की सजा देने के मामले पर बुधवार को सुनवाई टाल दी। एडिशनल सेशंस जज सतीश अरोड़ा ने तिहाड़ जेल प्रशासन को निर्देश दिया कि वे सभी दोषियों को आज ही एक हफ्ते का नोटिस जारी करें।
एक हफ्ते में दोषी तय करें कि उन्हें आगे कौन सा विकल्प चुनना है। कोर्ट ने इस मामले पर अगली सुनवाई के लिए 7 जनवरी की तारीख तय की है।
सुनवाई के दौरान तिहाड़ जेल प्रशासन ने कहा कि दोषी मुकेश दया याचिका दायर नहीं करना चाहता है।
इस मामले में एमिकस क्युरी वृंदा ग्रोवर ने मौत की सजा का विरोध करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आज अक्षय की पुनर्विचार याचिका देरी की वजह से खारिज नहीं की है। अभियोजन पक्ष के वकील राजीव मोहन ने कहा कि दोषियों को क्युरेटिव पिटीशन दाखिल करने का अधिकार न देकर आज ही डेथ वारंट जारी किया जाना चाहिए। तब कोर्ट ने कहा कि दोषियों को क्युरेटिव पिटीशन दाखिल करने का अधिकार होता है। तब राजीव मोहन ने याकूब मेनन के केस का हवाला देते हुए कहा कि उसकी दो दया याचिकाएं लंबित होने के बावजूद डेथ वारंट जारी कर दिया गया था।
गैंगरेप के चारों दोषियों मुकेश, अक्षय, पवन और विनय को साकेत की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी, जिस पर 14 मार्च, 2014 को दिल्ली हाईकोर्ट ने भी मुहर लगा दी थी । हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए फांसी की सजा पर रोक लगाई थी ।
9 जुलाई, 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने मुकेश, पवन और विनय के रिव्यू पिटीशन को खारिज करते हुए उनकी फांसी की सजा पर मुहर लगाई थी। उधर, आज सुप्रीम कोर्ट ने चौथे दोषी अक्षय की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी।
