Sukhendu Sekhar Ray

Sukhendu Sekhar Ray ने याद किया आंदोलनकारीयों द्वारा ध्वस्त बैस्टिल किले को, मनमानी, शाहीशक्ति का था प्रतीक 

कोलकाता

Sukhendu Sekhar Ray – टीएमसी सांसद सुखेंदुशेखर रॉय ने फिर एक पोस्ट किया है जिसके जरिए बैस्टिल के पतन को याद किया है।

Sukhendu Sekhar Ray

उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा – जुलाई 1789 में बैस्टिल किले को आंदोलनकारियों ने ध्वस्त दिया था उसके बाद फ्रांसीसी क्रांति का जन्म हुआ।

उल्लेखनीय है कि 14 जुलाई, 1789 को एक उन्मादी फ्रांसीसी भीड़ ने पेरिस में बैस्टिल किले को तोड़ दिया। उसके बाद फ़्रांस की क्रांति शुरू हुई। यह बैस्टिल किला यूरोप में राजशाही, मध्ययुगीन शोषण का प्रतीक था।

सवाल उठता है कि क्या सुखेंदु पश्चिम बंगाल की मौजूदा स्थिति की तुलना यूरोपीय शोषण के दौर से करना चाहते हैं? इससे पहले भी सुखेंदु शेखर ने आरजीकर मामले में राज्य सरकार पर उंगली उठाई थी।

14 अगस्त को उन्होंने रात दखल के कार्यक्रम का समर्थन किया था। उन्होंने कहा था कि वे बेटी के पिता हैं, पोती के दादा हैं इसलिए उन्हें लगता है कि इस वक्त विरोध प्रदर्शन में शामिल होना जरूरी है।

शुखेंदु शेखर यहीं नहीं रुके और कलकत्ता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल और पूर्व आरजीकर प्रिंसिपल संदीप घोष को सीबीआई हिरासत में लेने और पूछताछ करने की मांग की थी।

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