Junior Doctors ने रात 2 बजे के करीब प्रेस कांफ्रेंस की। उसमें उन्होंने कहा कि जब तक सभी मांगें नहीं मानी जातीं, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। हम चर्चा के लिए हमेशा उपलब्ध हैं ताकि इसका जल्द से जल्द समाधान किया जा सके।
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आंदोलनरत डॉक्टरों ने कहा, हम अपनी चौथी और पांचवीं मांग और स्वास्थ्य सचिव को लेकर दोबारा चर्चा करना चाहते हैं। राज्य सरकार के साथ आगे की चर्चा की जरूरत है।
बुधवार सुबह तक लिखित मांग राज्य सरकार को भेज दी जाएगी। हम काम पर वापस लौटना चाहते हैं, हम चाहते हैं कि यह गतिरोध जल्द से जल्द खत्म हो।
डॉक्टरों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से पता चला है कि हमारी मांग कितनी जायज है। मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा। हम यहीं रहेंगे।
डॉक्टरों ने रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन और स्टूडेंट काउंसिल के गठन की भी बात कही। उन्होंने कहा कि इस पर मुख्यमंत्री से काफी देर तक चर्चा हुई थी लेकिन कोई निर्णय नहीं निकल सका।
पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट ने मांग की कि रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन और छात्र संसद के चुनावों के माध्यम से प्रतिनिधियों को लोकतांत्रिक तरीके से चुना जाए।