नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में हुए निर्भया गैंगरेप कांड में आज करीब सवा सात साल बाद निर्भया को इंसाफ मिला है। शुक्रवार की सुबह ठीक 5.30 बजे तिहाड़ जेल के फांसी घर में निर्भया के चारों दोषियों विनय, अक्षय, मुकेश और पवन गुप्ता को एकसाथ फांसी के फंदे पर लटका दिया गया। उन्हें सजा-ए-मौत दे दी गई। अब इन चारों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
दिल्ली में हुई इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। हर व्यक्ति दहल उठा था। मां-बाप हों या युवा वर्ग, इंसाफ मांगने के लिए सड़कों पर लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा था। उसका फल आज मिला है। निर्भया की मां आशा देवी ने न्याय के लिए कठोर संघर्ष किया, लंबी लड़ाई लड़ी। अब जब दोषियों को फांसी दे दी गई तो उन्होंने ऐलान किया है कि 20 मार्च को वह हर साल अब निर्भया दिवस के रूप में मनाएंगी। इस फैसले से आशा देवी और मजबूत हुई हैं। उनकी उम्मीद न्याय व्यवस्था में और बढ़ी है। उन्होंने कहा है, अब वह देश की दूसरी बेटियों के लिए लड़ाई लड़ेंगी।
