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नहीं करा सके 15 साल के बेटे का मृत्युभोज, पंचायत ने दी सजा

मध्य प्रदेश

मध्‍यप्रदेश में रीति-रिवाज के नाम पर शर्मसार करने वाला एक मामला सामने आया है। 15 साल के बेटे की मृत्‍यु के बाद समाज को भोज न करवा पाने के कारण ऐसी सजा दी गई, जिसे सुनकर आप सोचने को मजबूर हो जाएंगे।

 

9 मार्च को कुएं में डूबने से हुई थी मौत

मध्‍यप्रदेश के छतरपुर में किसान बृजगोपाल पटेल के 15 वर्षीय बेटे की 9 मार्च को कुएं में डूबने से मौत हो गई थी। लॉकडाउन के चलते मृत्युभोज नहीं करवा पाने के कारण पंचायत ने उन्‍हें समाज से निकाल दिया। इतना ही नहीं पंचायत ने उसके यहां गांव के किसी भी व्यक्ति के आगमन और उसके सार्वजनिक कुएं से पानी भरने पर रोक लगा दी है।

बृजगोपाल पटेल पहले ही बेटे की मौत से परेशान थे। इसके बाद लॉकडाउन ने पूरे देश को घरों में कैद कर दिया। अब पंचायत ने बृजगोपाल पटेल को समाज से दूर कर दिया है।

पुलिस में दर्ज कराई शिकायत

किसान ने इसकी शिकायत पुलिस में दर्ज कराई है. लेकिन पंचायत के लोग अब किसान पर शिकायत वापस लेने का दबाव बना रहे हैं। साथ धमकी दे रहे हैं कि आने वाले समय में पंचायत की तरफ से और भी गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। जिसकी वजह से परिवार डर गया है और इस मामले में किसी से बात नहीं कर रहा है।

एसडीओपी छतरपुर मनमोहन बघेल ने बताया कि फरियादी ने थाना राजनगर में आवेदन दिया है थाना प्रभारी इस मामले की जांच कर रहे हैं। तथ्यों की पुष्टि कर दोषियों पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी।

कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से देश ही नहीं पूरा विश्‍व परेशान है। ऐसे में लॉकडाउन के चलते सभी तरह के समारोह पर सरकार ने रोक लगा रखी है।

लोगों एक साथ इक्‍ट्ठा न होने और शारीरिक दूरी बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं। ऐसे में भी पंचायत को मृत्‍युभोज करना था। अगर बृजगोपाल पटेल मृत्‍युभोज करवाना भी चाहते, तो नहीं करा सकते थे। इसके बावजूद पंचायत ने तुगलकी फरमान सुना दिया। क्‍या यही इंसानियत है।

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