Ahiritola Sarbojanin Durgotsab Samity

Ahiritola Sarbojanin Durgotsab Samity द्वारा आयोजित दुर्गोत्सव की थीम – खेयाल सेतु वैतरणी, मिट्टी से जन्म और उसी में मृत्यु का देती है संदेश

कोलकाता

सनलाइट, कोलकाता। Ahiritola Sarbojanin Durgotsab Samity द्वारा निर्माता अनिर्बन दास की देखरेख में इस साल अहिरिटोला खेयाल सेतु वैतरणी की थीम पर पण्डाल बनाया जा रहा है।

Ahiritola Sarbojanin Durgotsab Samity

समिति द्वारा आयोजित दुर्गोत्सव का यह 85 वां आयोजन है। पूजा कमिटी की सदस्य और जॉइंट सोशल मिडिया सेक्रेटरी ऐश्वर्या पॉल ने बताया कि प्रतिमा को नदी में विसर्जित करने के बाद किनारे पर मूर्तियों के लकड़ी से बने ढांचों का ढेर लग जाता है।

इस बार हम पण्डाल के माध्यम से वही स्थिति दिखाएंगे कि वे कैसे एक एक कर वहां जम जाते है। जिस प्रकार घाट में दुर्गा पूजा के पहले प्रतिमा बनाने के लिए गंगा मिट्टी आती है और विसर्जन होता है तब वही मिट्टी गंगा में मिल जाती है।

उसी प्रकार जो गंगा के निकट जन्म लिया वह अस्थियों के रूप में उसी गंगा में समाहित हो जाता है। इसी चीज को खेयाल सेतु वैतरणी की थीम समझाती है।

उन्होंने बताया कि इस वर्ष पूजा पण्डाल में और भी कई चीजें विशेषता के तौर पर दिखाई देगी। पंडाल में लकड़ी और लोहा के टिन के ढांचे पर उकेरी गई पेंटिग्स के माध्यम से घाट और उसके आस पास की जगह को दिखाया गया।

Ahiritola Sarbojanin Durgotsab Samity – पंडाल में घाट के किनारों पर बनाए गए ऑटो स्टैंड और वहां खड़े छोटे छोटे ऑटो हूबहू घाट की छवि दर्शा रहें हैं।

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