Amla navami कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है।
Amla navami 2023
आंवला नवमी के दिन व्रत और पूजा करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है इसलिए इसे Akshay Navami भी कहा जाता है।
आंवला नवमी को भगवान विष्णु ने कूष्मांड राक्षस का वध किया था इसलिए इसे कूष्मांड नवमी भी कहते हैं।
इस बार आंवला नवमी 21 नवंबर (गोपाष्टमी के अगले दिन) को मनाई जाएगी। ज्योतिष प्रभाकर डॉ राकेश व्यास ने बताया कि नवमी तिथि का प्रारंभ 21 नवंबर को सुबह 3 बजकर 17 मिनट से होगा जो रात 1 बजकर 8 मिनट तक रहेगी। सुबह 6 बजकर 48 मिनट से दोपहर 12 बजकर 7 मिनट तक रहेगा।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, आंवला नवमी से आंवले के पेड़ में भगवान विष्णु का वास होता है और कार्तिक पूर्णिमा तक उसमें श्रीहरि का वास रहता है।
इस दिन जो भी शुभ कार्य जैसे दान, पूजा-अर्चना, भक्ति, सेवा आदि की जाती हैं, उसका पुण्य कई जन्म तक मिलता है अर्थात इस दिन किए गए शुभ कार्यों का फल अक्षय होता है इसलिए इस तिथि को अक्षय नवमी के नाम से भी जाना जाता है।
मान्यता है कि इस दिन ही द्वापर युग का आरंभ हुआ था। स्वास्थ्य के नजरिए से आंवले के फल में पोषक तत्वों का भंडार रहता है। आंवले के नियमित सेवन से शरीर में किसी भी प्रकार की बीमारी जल्दी से प्रवेश नहीं कर पाती है।