दिनाजपुर के गंगारामपुर में एक महिला शिक्षिका को बांधकर सड़कों पर घसीटने की घटना में कलकत्ता उच्च न्यायालय ने स्वत: संज्ञान लेते हुए रिपोर्ट तलब की है।
मुख्य न्यायाधीश टीबीएन राधाकृष्णन की पीठ ने सोमवार को कोर्ट की कार्यवाही शुरू होते ही डिस्ट्रिक्ट लीगल अथॉरिटी से रिपोर्ट तलब की है। अधिवक्ता रविशंकर चटर्जी ने इस निर्मम घटना पर हाईकोर्ट से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया। इसके बाद अदालत ने रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है।
पिछले शुक्रवार को गंगारामपुर के नंदनपुर गांव में प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ योजना के तहत सडक़ बनाने को लेकर विवाद खड़ा हुआ था। सडक़ स्थानीय पंचायत की ओर से बनाई जा रही थी। स्मृतिकोना दास और सोमा दास नाम की दो महिलाओं ने इसलिए बाधा दिया क्योंकि उनकी निजी जमीन पर सड़क बनाई जा रही थी। इसमें से स्मृतिकोना शिक्षिका है जबकि सोमा उनकी बड़ी बहन है।
आरोप है कि बाधा देने पर स्थानीय पंचायत प्रधान अमल सरकार के नेतृत्व में तृणमूल कार्यकर्ताओं ने महिलाओं पर हमला कर दिया। शिक्षिका को रस्सी से बांधकर सड़क पर खींचा गया जिसका वीडियो सोशल साइट पर वायरल हो गया है जिसे लेकर बंगाल सरकार की चौतरफा निंदा हो रही है।
गंगारामपुर के थाना प्रभारी पूर्णेंदु कुंडू ने बताया कि दो आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है। हालांकि आरोपित पंचायत प्रधान अभी भी गिरफ्त से बाहर है। इसे लेकर जिला प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
तृणमूल की जिला प्रमुख अर्पिता घोष ने पंचायत नेता अमल सरकार को निलंबित करने का आदेश दे दिया है।
