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भाटपाड़ा हिंसा : किशोर सहित दो की मौत, क्षेत्र में अनिश्चितकाल के लिए धारा 144 लागू

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कोलकाता। लोकसभा चुनाव के अंतिम दौर से पहले उत्तर 24 परगना के भाटपाड़ा विधानसभा क्षेत्र में शुरू हुई राजनीतिक हिंसा एक महीने बाद भी जारी है। यहां भाटपाड़ा थाने की स्थापना की गई है। गुरुवार दोपहर के समय इसका उद्घाटन होना था। उसके ठीक पहले इलाके में व्यापक बमबारी और गोलीबारी हुई है। बमबारी की चपेट में आने से एक 17 साल के किशोर समेत दो लोगों की मौत हो गई है। किशोर का नाम राम बाबू साव है। दो गुटों के बीच हो रही बमबारी और गोलीबारी की चपेट में आने से उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया था।

इसके अलावा एक और मृतक की पहचान 45 वर्षीय धर्मवीर साव के तौर पर हुई है। घटना में गंभीर रूप से घायल अवस्था में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां इलाज के दौरान उन्होंने भी दम तोड़ दिया है। घटना में चार अन्य लोग भी गम्भीर रूप से घायल हुए हैं। इनकी पहचान धर्मवीर साव (45), विनोद साव (49), अशोक कुमार साव (38) और विक्रम वर्मा (24) के रूप में हुई है। ये सभी कांकीनाड़ा के रहने वाले हैं।

इलाके में भीषण तनाव और संघर्ष की परिस्थिति को संभालने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस के साथ-साथ रैपिड एक्शन फोर्स (रैफ) की तैनाती की गई है। कॉम्बैट फोर्स को भी मौके पर उतारा गया है। हालात को संभालने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज के साथ-साथ आंसू गैस के गोले भी छोड़ने पड़े हैं। भाटपाड़ा क्षेत्र में हिंसा के हालात को देखते हुए वहां अनिश्चितकाल के लिए धारा 144 लगाई गई है

वहीं घटना के तुरंत बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य सचिवालय नवान्न में विशेष बैठक की। इसमें राज्य के मुख्य सचिव मलय दे, गृह सचिव अलापन बनर्जी, पुलिस महानिदेशक वीरेंद्र कुमार मौजूद थे। बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि इलाके में लगातार हिंसा को बढ़ावा देने वालों के खिलाफ ठोस कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।

एडीजी संजय सिंह को जांच का विशेष दायित्व

गृह सचिव अलापन बनर्जी ने कहा कि भाटपाड़ा क्षेत्र में हिंसा के हालात को देखते हुए वहां अनिश्चितकाल के लिए धारा 144 लगाई गई है। इसके साथ ही दक्षिण बंगाल के एडीजी संजय सिंह को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जांच का विशेष दायित्व सौंपा है। उन्होंने बैरकपुर पुलिस आयुक्त तन्मय रॉय चौधरी के साथ मिलकर पूरे क्षेत्र का दौरा किया है। हालात इतनी भयावह थी कि दोपहर के समय शुरू हुई गोलीबारी और बमबारी करीब 40 मिनट तक चली है। इस बारे में मिली जानकारी के मुताबिक नव स्थापित भाटपाड़ा थाने से महज 300 मीटर की दूरी पर मौजूद रिलायंस जूट मिल के चार और पांच नम्बर रेल साइडिंग के पास नया बाजार मजदूर लाइन में सबसे पहले बमबारी की शुरुआत हुई थी।

स्थानीय लोगों के अनुसार, सत्तारूढ़ तृणमूल और भाजपा के समर्थकों के बीच बमबारी हुई है। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर बम बरसाए हैं। कोई छतों से बम फेंक रहा था तो कोई खिड़की से, कहीं इमारतों की चारदीवारी के अंदर से बाहर बम फेंके जा रहे थे। गोलीबारी भी हो रही थी। इसकी चपेट में आने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। चुकी आज ही भाटपाड़ा थाने का उद्घाटन होना था इसलिए कई बड़े पुलिस अधिकारियों का आगमन होना था। इस बीच हिंसा की खबर मिलने के बाद बैरकपुर पुलिस आयुक्तालय से सैकड़ों की संख्या में पुलिस की टीम डीसी जोन-टू आनंद राय के नेतृत्व में मौके पर पहुंची। करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद हिंसक हालात पर काबू पाया जा सका है। पुलिस ने बताया है कि हालात फिलहाल नियंत्रण में हैं। हालांकि स्थिति तनावपूर्ण है।

भाजपा ने की न्यायिक जांच की मांग

इधर भाटपाड़ा में इस हिंसा की जांच के लिए भाजपा ने सेवानिवृत्त न्यायाधीश के नेतृत्व में जांच की मांग की है। पार्टी के महासचिव राजू बनर्जी ने गुरुवार शाम प्रदेश भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि विगत एक महीने से भाटपाड़ा को तृणमूल के इशारे पर अशांत करके रखा गया है। इसकी न्यायिक जांच होनी चाहिए। बैरकपुर से नवनिर्वाचित भाजपा सांसद अर्जुन सिंह ने इस हिंसा के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जिम्मेवार ठहराया है। उन्होंने कहा कि जय श्रीराम का नारा लगाने के लिए जिस जगह पर खड़ी होकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोगों को परिणाम भुगतने की चेतावनी दी थी वही दो लोगों को बर्बर तरीके से मौत के घाट उतार दिया गया है। इसकी गहन जांच होनी चाहिए।

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