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Child Pornography देखना या डाउनलोड करना POCSO के तहत अपराध, SC ने मद्रास HC के फैसले को पलटा

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Child Pornography – सुप्रीम कोर्ट ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। मद्रास हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने पलटते हुए चाइल्ड पोर्नोग्राफी को डाउनलोड करना और देखना भी पॉस्‍को (POCSO) के तहत अपराध माना है।

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इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी की जगह ‘चाइल्ड सेक्शुअल एक्सप्लॉइटेटिव एंड एब्यूसिव मटेरियल’ शब्द का इस्तेमाल किया जाए। केंद्र सरकार अध्यादेश लाकर इसमें बदलाव करे। अदालतें भी चाइल्ड पोर्नोग्राफी शब्द का इस्तेमाल न करें।

मद्रास हाई कोर्ट ने इसी साल जनवरी में पॉक्सो एक्ट के एक आरोपी के खिलाफ केस को रद्द कर दिया था। हाई कोर्ट ने कहा था कि अपनी डिवाइस पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखना या डाउनलोड करना अपराध के दायरे में नहीं आता है।

कोर्ट ने यह टिप्पणी 28 साल के एक शख्स के खिलाफ चल रहे केस पर सुनवाई के दौरान की थी। उसके खिलाफ चाइल्ड पोर्नोग्राफी के आरोप में POCSO और IT कानून के तहत मामला दर्च था। कोर्ट ने आरोपी के खिलाफ चल रहे केस को रद्द कर दिया था।

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