सनलाइट, बीकानेर/ कोलकाता। राजस्थान में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही सरगर्मियां बढ़ गई है। एक तरफ जहां राज्य सरकार के मंत्री से लेकर वर्तमान विधायक तक दुबारा टिकट लेने के लिए जी तोड़ कोशिश में लगे हुए है वहीं दूसरी तरफ नए चेहरे भी प्रतिस्पर्धा की इस दौड़ में शामिल होकर अपनी अपनी मजबूत दावेदारी पेश करने में जुटे है।
बीकानेर पश्चिम (Bikaner West) से ताल ठोक रहे हैं पूर्व शिक्षक Dilip Joshi
इसी कड़ी में नाम आता है बीकानेर पश्चिम से अपनी दावेदारी पेश कर रहे Dilip Joshi का। अपनी बेबाक शैली के लिए मशहूर जोशी छात्र जीवन से सक्रिय राजनीति कर रहे है। विगत 42 वर्षों में जनहित मुद्दों पर कई बार धरना, प्रदर्शन तथा आंदोलन में भाग लेने वाले जोशी को राजनीति के अनुभव का लाभ मिल सकता है। दिलीप जोशी का राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र के अलावा कर्मचारी, मजदूर, शिक्षक, पेंशनर, धार्मिक क्षेत्र में भी काफी योगदान रहा है।
क्षेत्र में Dilip joshi की सामाजिक पकड़ अच्छी मानी जाती है
क्षेत्र में जोशी की सामाजिक पकड़ अच्छी मानी जाती है और सक्रियता के कारण समाज में उनका काफी प्रभाव भी है। स्थानीय लोगों के अनुसार जोशी का अपना मजबूत जनाधार है जिसके बल पर अगर भाजपा से टिकट मिलती है तो उन्हें जीत मिल सकती है।
Dilip joshi ने भाजपा को कराया अपनी दावेदारी से अवगत
सेवानिवृत्त शिक्षक दिलीप जोशी ने भाजपा को अपनी दावेदारी से अवगत कराया हैं। अपनी साफ सुथरी छवि को हथियार बनाकर राजनीति के मैदान में ताल ठोकने को तैयार जोशी ने पिछले पंद्रह महीनों में तकरीबन 39 वार्डो के मतदाताओं से रूबरू हो कर सीधा संपर्क साधा है।
ब्राह्मण समाज का अच्छा खासा जनाधार है
क्षेत्र में गहरी पैठ बना चुके जोशी का ब्राह्मण समाज के बड़े चेहरों में नाम आता है और वे ऐसी सीट से ताल ठोक रहें हैं जहां ब्राह्मण समाज का अच्छा खासा जनाधार है। इसी कारण राजनैतिक पार्टियों द्वारा यहाँ ब्राह्मण चेहरा देने की होड़ रहती है।
2018 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बुलाकी दास कल्ला ने इस सीट पर जीत हासिल की थी जो अभी राज्य सरकार में मंत्री है। वहीं भाजपा ने यहाँ से गोपाल जोशी को मैदान में उतारा था हालांकि नतीजों में वे दूसरे स्थान पर रहे। अब देखना यह है कि सामाजिक सरोकार में महारथ हासिल कर चुके दिलीप जोशी राजनीति के मैदान में कितनी सफलता पाते है।