तीन नए कृषि कानूनों की वापसी की मांग कर रहे किसान संगठनों और सरकार के प्रतिनिधियों के बीच आज फिर से 11वें दौर की वार्ता होनी है।
किसानो ने गुरुवार केंद्र सरकार के उस प्रस्ताव को ठुकरा दिया, जिसमें सरकार के प्रतिनिधियों ने 10वें दौर की वार्ता में तीनों नए कानूनों का क्रियान्वयन डेढ़ साल तक स्थगित रखने का सुझाव दिया था और समाधान का रास्ता निकालने के लिए एक समिति गठित करने की भी बात कही थी।
सरकार के इस प्रस्ताव पर संयुक्त किसान मोर्चा के तत्वावधान में किसान नेताओं ने सिंघू बॉर्डर पर एक मैराथन बैठक की, जिसमें इसे सर्व सम्मति से खारिज करने फैसला लिया गया। इसी मोर्चा के बैनर तले कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर किसान संगठन पिछले लगभग दो महीने से आंदोलन कर रहे हैं।
