G20 शिखर सम्मेलन का आगाज हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत मंडपम में सभी G20 नेताओं और प्रतिनिधियों का स्वागत किया।
pm modi welcomes leaders in front of konark wheel
G20 समिट के लिए आए मेहमानों का जब भारत मंडपम में PM Modi स्वागत कर रहे थे तो बैकग्राउंड में 13वीं शताब्दी में बना कोणार्क चक्र (konark wheel) लगा था। पीएम मोदी ने विदेशी मेहमानों को इसके बारे में बताया। इस कोणार्क चक्र का निर्माण 13वीं शताब्दी में राजा नरसिम्हादेव-प्रथम के शासनकाल के दौरान किया गया था।
Odisha’s magnificent culture and heritage finds a place of pride at #G20India.
— Dharmendra Pradhan (@dpradhanbjp) September 9, 2023
The Konark chakra is an architectural marvel illustrating the civilisational concepts of time, space, continuity and the future.
PM @narendramodi explaining the significance of India’s heritage and… pic.twitter.com/X4esZxsi3j
G20 – Konark Wheel
ये चक्र भारत के प्राचीन ज्ञान, सभ्यता और वास्तुशिल्प की श्रेष्ठता का प्रतीक है। कोणार्क चक्र का घूमना समय, कालचक्र के साथ-साथ प्रगति और निरंतर परिवर्तन का प्रतीक है। यह लोकतंत्र के पहिए के शक्तिशाली प्रतीक के रूप में भी काम करता है।
ये लोकतांत्रिक आदर्श और समाज में प्रगति के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। दुनिया के जो भी बड़े-बड़े नेता यहाँ आ रहे हैं वो भारत की संस्कृति से रूबरू हो। जहां-जहां विदेशी मेहमान जाएंगे वहां-वहां भारतीय संस्कृति से जुड़े प्रतीकों को लगाया गया है। इन सबसे दुनिया को भारत की समृद्ध संस्कृति और ऐतिहासिक विरासतों के बारे में भी जानने का मौका मिल रहा है।
इस कोणार्क चक्र का निर्माण 13वीं शताब्दी में राजा नरसिम्हादेव-प्रथम के शासनकाल के दौरान किया गया था। ये चक्र भारत के प्राचीन ज्ञान, सभ्यता और वास्तुशिल्प की श्रेष्ठता का प्रतीक है। कोणार्क चक्र का घूमना समय, कालचक्र के साथ-साथ प्रगति और निरंतर परिवर्तन का प्रतीक है।
