जयपुर। भगवान गणेश के जन्मोत्सव का पर्व गणेश चतुर्थी दो सितम्बर को मनाया जाएगा। मोतीडूंगरी गणेश मंदिर सहित शहर के गढगणेश मंदिर, मोतीडूंगरी गणेश मंदिर, नहर के गणेश जी, श्वेत सिद्धि विनायक मन्दिर, ध्वाजाधीश गणेश, परकोटे वाले गणेश मन्दिर व विभिन्न गणेश मंदिरों में बुधवार से 7 दिवसीय जन्मोत्सव के कार्यक्रम का शुभारंभ हो गया है।
जन्मोत्सव कार्यक्रम के तहत कई तरह के विभिन्न धार्मिक आयोजन की जाएंगे। जिसमें भगवान श्री के अभिषेक, मोदकों की झांकी, महेंदी पूजन और सिंजारा, जन्मोत्सव दर्शन के साथ भव्य शोभायात्रा आकर्षण का केंद्र होंगे।
पुष्य नक्षत्र में अभिषेक, ध्वजारोहण और ध्वज पूजन के साथ हुआ कार्यक्रम
मोतीडूंगरी गणेश मंदिर में जन्मोत्सव कार्यक्रम पुष्य नक्षत्र अभिषेक, ध्वजारोहण और ध्वज पूजन के साथ हुआ। पुष्य नक्षत्र भगवान गणेश का अभिषेक कर मोदको की झांकी सजाई गई वही गणपति बप्पा को रत्नों झड़ा मुकुट भी धारण करवाया गया।
मंदिर मंहत कैलाश शर्मा ने बताया कि बुधवार सुबह 5.30 बजे पुष्य नक्षत्र में श्री गणेश जी महाराज का पंचामृत अभिषेक सर्वप्रथम संकल्प लेकर प्रारंभ हुआ। इसमें 500 लीटर दूध, 50 किलो बुरा, 100 किलो दही, 11 किलो शहद और 11 किलो घी का उपयोग किया गया।
सबसे पहले भगवान का अभिषेक गंगाजल से हुआ उसके पश्चात भगवान श्री का गुलाब जल और केवड़ा जल से अभिषेक किया गया।
वही तत्पश्चात भगवान का इत्राभिषेक हुआ। इसमें गुलाब,खस और केवड़े के इत्र से अभिषेक किया हुआ। उसके बाद गणपति बप्पा का पंचामृत अभिषेक हुआ।
3100 किलो मेहंदी का किया जाएगा वितरण
29 अगस्त से 31 अगस्त तक सांस्कृतिक एवं भजन संध्या कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। जिसके बाद 1 सितंबर को मेहंदी पूजन एवं सिंजारा का आयोजन किया जाएगा। इस दिन भगवान गणेश जी की प्रतिमा पर स्वर्ण मुकुट धारण कराया जाएगा। साथ ही प्रसाद स्वरूप भक्तों को 3100 किलो मेहंदी का वितरण किया जाएगा। 2 सितंबर को गणेश चतुर्थी के दिन जन्मोत्सव दर्शन कराए जाएंगे। इस दिन सुबह 3:30 बजे मंगला आरती के बाद भगवान के दर्शन के लिए पट खोले जाएंगे, जो रात्रि 11:45 बजे शयन आरती तक खुले रहेंगे।