Calcutta High Court

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा – स्कूल-कालेज बंद तो दुर्गा पूजा की अनुमति कैसे?

कोलकाता

कोलकाता। कोरोना महामारी में दुर्गापूजा आयोजनों पर रोक के लिए कलकत्ता हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने गुरुवार को सरकार से सवाल किया है कि इस समय स्कूल-कॉलेज बंद हैं तो पूजा की अनुमति कैसे दी गई है? इसके साथ ही दुर्गापूजा में क्लबों को दिए जाने वाले 50 हजार रुपये के सरकारी अनुदान को लेकर भी कोर्ट ने सवाल किया है। हाईकोर्ट ने शुक्रवार तक इस मामले पर जवाब मांगा है। शुक्रवार को ही अगली सुनवाई भी होगी।

 

कोरोना की वजह से राज्य में होने वाले कई उत्सवों को रद्द किया गया है। अन्य राज्यों में भी कई उत्सव रद्द किए गए। ऐसे में इस राज्य में दुर्गापूजा करने की अनुमति क्यों दी गई है? आर्थिक संकट में रहने के बावजूद क्लबों को पूजा करने के लिए 50 हजार रुपये का अनुदान क्यों दिया गया? इन तमाम सवालों के साथ कलकत्ता हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी।

 

दायर याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति संजीब बनर्जी ने राज्य के महाधिवक्ता से कई सवाल पूछे। उनका पहला सवाल यही था कि पूजा की अनुमति तो दे दी गई है लेकिन राज्य सरकार भीड़ को कैसे नियंत्रित करेगी। इसके जवाब में राज्य की ओर से महाधिवक्ता किशोर दत्त ने कहा कि राज्य सरकार ने कई प्रतिबंधों के साथ पूजा के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं।

भीड़ नियंत्रण करने की जिम्मेदारी पूरी तरह पुलिस पर है। वे इस मामले पर पूरी नजर रखेंगे और भीड़ को संभालेंगे। इसके बाद न्यायमूर्ति ने जानना चाहा कि पूजा के लिए क्लबों को इतना पैसा क्यों दिया जा रहा है? इसके जवाब में राज्य की तरफ से कहा गया कि कोरोना परिस्थिति में सुरक्षित रूप से पूजा आयोजित करने के लिए मास्क और सैनिटाइजर समेत अन्य सुरक्षा नियमों का पालन करने के लिए यह अनुदान दिया गया है। जिसके बाद न्यायमूर्ति ने सवाल किया कि क्या अन्य उत्सवों में भी इसी प्रकार का अनुदान दिया गया था?

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