जैक मा ने अपने 55वें जन्‍मदिन पर अलीबाबा कंपनी को कहा अलविदा

बिजनेस

चीनी ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा ग्रुप के को-फाउंडर और चेयमैन जैक मा ने अपने 55वें जन्‍मदिन पर मंगलवार को कंपनी को अलविदा कह दिया। एक टीचर से एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति बनने वाले जैक मा का आज जन्मदिन है। जैक मा रिटायरमेंट के बाद कंपनी की कमान डेनियल झांग को सौंप रहे हैं। डेनियल झांग इस समय कंपनी के सीईओ हैं। जैक मा रिटायरमेंट के बाद फिर से टीचिंग प्रोफेशन में वापस जा रहे हैं।

41 अरब डॉलर की संपत्ति के मालिक हैं जैक मा

रिटायरमेंट लेने से पहले तक जैक मां की संपत्ति 41 अरब डॉलर है। उनकी योजना अपनी संपत्ति को शिक्षा पर खर्च करने की है। आमतौर बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों के करिश्माई संस्थापकों के चले जाने के बाद शेयर में उतार-चढ़ाव और दिक्कतों का सामना करना पड़ता है लेकिन अलीबाबा ग्रुप के साथ ऐसा नहीं है।

बतौर टीचर अपने करियर की शुरुआत की थी

चीन के हांगझू टीचर्स कॉलेज से इंग्लिश ग्रेजुएट जैक मा ने यहीं की एक यूनिवर्सिटी में बतौर टीचर अपने करियर की शुरुआत की थी। जैक मा के रिटायरमेंट पर यह चर्चा गरम है कि क्या उनके बिना अलीबाबा ग्रुप पहले की तरह ही चलेगा या फिर परिवर्तन आएंगे। एक गरीब परिवार में जन्मे जैक मा की कहानी अपने आप में एक सक्सेस स्टोरी है। जैक मा एक बेहद साधारण परिवार में पैदा हुए। बताया जाता है कि उनके पिता ने सिर्फ 40 डॉलर प्रति माह के रिटायरमेंट अलाउंस में परिवार का खर्चा चलाया था। जैक मा के मां-बाप कम पढ़े-लिखे थे। उन्होंने एक अध्यापक के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की थी।

एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति बनने तक का सफर संघर्षों से भरा हुआ

जैक मा का एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति बनने तक का सफर संघर्षों से भरा हुआ है। उन्होंने केएफसी में भी जॉब के लिए आवेदन दिया था लेकिन उन्हें वहां नौकरी नहीं मिली। इसके बाद उन्‍होंने एक सफल कारोबारी के रूप में अपनी पहचान बनाई। जैक मा ने अलीबाबा कंपनी की शुरुआत 21 फरवरी,1999 को की थी। इसके लिए उन्‍होंने अपने 17 दोस्तों को राजी किया था। हालांकि, शुरुआत में उनकी कंपनी ने कई मुश्किलों का सामना किया लेकिन बाद में कंपनी ने तेजी से ग्रोथ हासिल की।

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