Jadavpur University के पूर्व छात्र छात्रावास में न रहें, अधिकारियों को इसे लेकर उपाय करना चाहिए। मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवाग्नम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मंगलवार को यह आदेश दिया। उन्होंने कहा, ”यूनिवर्सिटी को हर कमरे में जाकर देखना चाहिए कि ऐसा कौन है उन्हें 24 घंटे के अंदर बाहर निकालें।
Jadavpur University
मुख्य न्यायाधीश ने आगे की टिप्पणी में कहा कि यदि विश्वविद्यालय में कोई यूनियन नहीं है, तो सार्वजनिक भाषण या प्रेस विज्ञप्ति बंद कर दी जानी चाहिए। अदालत ने इस मामले में विश्वविद्यालय अधिकारियों के साथ-साथ छात्र संघ को भी शामिल करने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि जादवपुर समस्या पर फैसला करने के लिए छात्रों के बयान सुनना जरूरी है।