हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के दोनों गुटों के खिलाफ केंद्र सरकार बड़ा एक्शन ले सकती है। दोनों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत प्रतिबंध लगाया जा सकता है।
इससे संबंधित अधिकारियों ने कहा कि पाकिस्तान में इंस्टीट्यूट्स द्वारा कश्मीरी छात्रों को एमबीबीएस सीटें देने की हालिया जांच से संकेत मिलता है कि कुछ संगठनों द्वारा उम्मीदवारों से इकट्ठे किए गए पैसे का इस्तेमाल केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी संगठनों को वित्तीय मदद पहुंचाने के लिए किया जा रहा था।
अधिकारियों ने कहा कि हुर्रियत के दोनों धड़ों पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की धारा 3 (1) के तहत प्रतिबंध लगने की संभावना है। इस धारा के तहत यदि केंद्र सरकार का मानना है कि कोई यूनियन गैर-कानूनी है तो वह आधिकारिक राजपत्र में नोटिफिकेशन जारी कर ऐसे यूनियन को गैर-कानूनी घोषित कर सकती है।
दोनों गुटों पर बैन लगाने वाला यह प्रस्ताव केंद्र की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत पेश किया गया है।
