संकट में मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन की कुर्सी, चुनाव आयोग ने भेजा नोटिस

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झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कुर्सी खतरे में नजर आ रही है। भारत निर्वाचन आयोग ने पत्थर खदान लीज मामले में सीएम हेमंत सोरेन को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है कि क्यों नहीं माइनिंग लीज मामले में उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। संभव है कि इस मामले में चुनाव आयोग हेमंत सोरेन को अयोग्‍य ठहरा सकती है। जिसके आधार पर उनकी विधानसभा की सदस्‍यता छीन जाएगी। इससे हेमंत सोरेन को मुख्‍यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ सकती है। 

 

चुनाव आयोग के मुताबिक, पहली नजर से देखने पर यह मामला जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 9ए का उल्लंघन है। धारा 9 ए सरकारी अनुबंधों के लिए किसी सदन से अयोग्यता से संबंधित है। 

क्या है मामला

झारखंड में खदान और उद्योग विभाग दोनों सीएम सोरेन के पास है। वे पहले से ही रांची में उनके नाम पर पत्थर की खदान के कथित आवंटन के कारण कानूनी उलझन में हैं। 2019 में बरहेट निर्वाचन क्षेत्र से सदन के लिए चुने गए सोरेन ने 13 साल पहले रांची जिले के अंगारा ब्लॉक के प्लाट संख्या 482 पर पत्थर के खनन पट्टे के लिए आवेदन किया था।

 

पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता रघुवर दास द्वारा दर्ज शिकायत के अनुसार, 13 साल बाद 10 जुलाई 2021 को जिला खनन कार्यालय, रांची ने सोरेन के पक्ष में पट्टे को मंजूरी दी, जो उस समय के मुख्यमंत्री-सह-खान मंत्री थे। 

राज्यपाल से शिकायत

बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इस बात की शिकायत राज्यपाल रमेश बैस से की थी। जिसके बाद राज्यपाल ने इस शिकायत पत्र पर भारत निर्वाचन आयोग से मंतव्य मांगा था। इसके बाद आयोग ने मामले में उपलब्ध कराये गये दस्तावेजों को सत्यापित करने के लिये झारखंड के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह को कहा था। मुख्य सचिव ने दस्तावेजों को सत्यापित कर 26 अप्रैल को भेज दिया था। इस आधार पर आयोग ने मुख्यमंत्री को नोटिस भेजा है।। 

 

झारखंड हाई कोर्ट में चल रही सुनवाई


इसी मामले पर एक जनहित याचिका पर झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा भी सुनवाई की जा रही है, जिसमें केंद्रीय एजेंसियों से जांच की मांग की गई है।

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