Loksabha Election – पश्चिम बंगाल में आज दूसरे चरण में तीन सीट दार्जिलिंग, बालुरघाट और रायगंज लोकसभा सीट के लिए मतदान होंगे।
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ये तीनों सीट 2019 में भाजपा के खाते में गई थी। राजू बीस्ट, देबश्री रॉय चौधरी और सुकांत मजूमदार ने क्रमशः दार्जलिंग, रायगंज और बालुरघाट से जीत दर्ज की थी।
इसबार इन सीटों पर कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद है। दार्जिलिंग चतुष्कोणीय मुकाबले के लिए तैयार है जहाँ मौजूदा भाजपा सांसद राजू बिस्ता का मुकाबला तृणमूल के गोपाल लामा, कांग्रेस के मुनीश तमांग के कलावा खुद की ही पार्टी के कर्सियांग से पार्टी विधायक बिष्णु प्रसाद शर्मा से है जो निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।
बिष्णु प्रसाद शर्मा ने ‘भूमिपुत्र’ को मैदान में उतारने की अपनी मांग को भाजपा नेतृत्व द्वारा स्वीकार नहीं किए जाने पर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लड़ने का फैसला किया।
राजू बिस्ता ने 2019 के Loksabha Election में 4.13 लाख वोटों के अंतर से इस सीट पर जीत दर्ज की थी। लेकिन मौजूदा लोकसभा चुनाव में स्थायी राजनीतिक समाधान-पीपीएस के मुद्दे ने जोर पकड़ लिया है।
रायगंज सीट में भाजपा ने कार्तिक पॉल को उम्मीवार बनाया है जो टीएमसी के कृष्ण कल्याणी से मुकाबला करेंगे। कृष्ण कल्याणी भाजपा विधायक थे जो अब तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए हैं।
रायगंज कभी कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था और दिवंगत केंद्रीय मंत्री प्रियरंजन दासमुंशी यहां के कद्दावर नेता थे। रायगंज में त्रिकोणीय मुकाबला है जहां से कांग्रेस और वाम मोर्चे के संयुक्त उम्मीदवार अली इमरान रम्ज हैं।
पिछले लोकसभा चुनाव में इस सीट पर भाजपा की देबश्री चौधरी ने टीएमसी उम्मीदवार कन्हैया लाल अग्रवाल को 60 हजार से अधिक वोट से हराकर जीत हासिल की थी।
बंगाल के दक्षिण दिनाजपुर जिले की बालुरघाट लोकसभा सीट पर मौजूदा सांसद और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार का मुकाबला टीएमसी उम्मीदवार बिप्लब मित्रा से है।
Loksabha Election 2019 में अपना पहला चुनाव लड़ने वाले मजूमदार ने 33,293 वोटों के अंतर से हराकर टीएमसी की अर्पिता घोष से यह सीट छीन ली थी।
बालुरघाट कभी वाम मोर्चे के घटक आरएसपी का गढ़ था जिसने वर्ष 1984 से 2009 तक लगातार इस सीट पर जीत हासिल की थी। इस सीट पर वाम मोर्चा-कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार जॉयदीप सिद्धांत हैं।