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“दीदी के बोलो” अभियान बन रहा है लोगों के लिए जीवनदायी

कोलकाता

कोलकाता। 2021 के विधानसभा चुनाव से पहले राज्य भर में लोगों से व्यापक जनसंपर्क के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा शुरू की गई “दीदी के बोलो” अभियान अब कई लोगों के लिए जीवनदायी बनता जा रहा है।

इस बारे में सोमवार को तृणमूल कांग्रेस की ओर से एक बयान जारी कर कहा गया है कि लीवर, किडनी आदि की गंभीर बीमारियों से पीड़ित कई लोगों ने इस अभियान के तहत जारी किए गए हेल्पलाइन नंबर पर फोन कर अपनी समस्याएं बताई है राज्य सरकार के अधिकारियों ने उच्च प्राथमिकता देकर समस्याओं के निपटान के लिए सरकारी अस्पतालों में इलाज की व्यवस्था कराई है।

दीदी के बोलो अभियान के जरिए एक हेल्पलाइन नंबर और वेबसाइट जारी किया गया है जिस पर फोन कर अथवा इंटरनेट के जरिए कोई भी व्यक्ति अपनी समस्याओं को बता सकता है और राज्य सरकार के अधिकारी उसका संज्ञान लेकर आवश्यक समाधान करते हैं।

लिवर कैंसर से पीड़ित मरीज को बेड मुहैया

पहला मामला लिवर कैंसर से पीड़ित एक गंभीर रूप से बीमार मरीज को अस्पताल में बेड मुहैया कराने से संबंधित है। उत्तर 24-परगना के रोगी एसएसकेएम में इलाज कराना चाहते थे लेकिन बेड नहीं होने की बात कहकर उन्हें वापस भेज दिया था। एसएसकेएम एकमात्र ऐसा अस्पताल है जहां लीवर कैंसर का इलाज होता है। उसके बाद परिजनों ने दीदी के बोलो हेल्पलाइन नंबर पर फोन कर मदद मांगी थी और राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग की ओर से तत्काल उनके लिये अस्पताल के महिला वार्ड में एक बेड की व्यवस्था की गई जहां उसका इलाज चल रहा है।

गर्भवती महिला का इलाज

एक अन्य मामला एक गर्भवती महिला का है जिसे बारुईपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उसे तत्काल इलाज की आवश्यकता थी लेकिन अस्पताल में उस समय कोई डॉक्टर नहीं थे। रोगी पक्ष ने हेल्पलाइन नंबर पर कॉल किया और सरकारी अधिकारियों ने जल्द ही अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक को फोन कर इस मामले में रिपोर्ट तलब कर दी। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन की ओर से तत्काल व्यवस्था की गई और एक डॉक्टर जल्द ही मौके पर पहुंचे और मरीज का इलाज शुरू किया गया। वर्तमान में रोगी की हालत स्थिर है।

इसी तरह कुछ दिनों पहले कर्नाटक की बाढ़ में फंसे बीच बंगाली परिवारों को भी हेल्पलाइन नंबर पर सूचना मिलने के बाद वहां की सरकार से संपर्क कर सुरक्षित बचा लिया गया था।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा शुरू की गई इस हेल्पलाइन को भले ही भाजपा और अन्य राजनीतिक पार्टियां विफल बताती हैं लेकिन तृणमूल कांग्रेस की ओर से लगातार दावा किया जाता रहा है कि दीदी के बोलो अभियान व्यापक तौर पर सफल हो रहा है।

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